
इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी की हालत को देखकर इंदौर की टीम चौंक गई है। सरकार द्वारा वाराणसी को स्वच्छ बनाने की जिम्मेदारी इंदौर को दी गई है। सरकार द्वारा दी गई इस जिम्मेदारी के आधार पर कलेक्टर आशीष सिंह, नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा, अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा, अमित दुबे, एनजीओ के माध्यम से स्वच्छता में सक्रिय भूमिका निभाने वाले गोपाल जगताप कल वाराणसी पहुंच गए। इस टीम द्वारा वाराणसी पहुंचने के बाद वहां पर प्रथम स्तर पर दौरा किया गया।
इस दौरे में पाया गया कि लोगों के घरों में सूखा और गीला कचरा अलग-अलग एकत्र करने के लिए दो डस्टबिन भी नहीं रखे जाते हैं। वहां पर घर-घर से कचरा संग्रहण करने का कार्य ठेके पर निजी एजेंसी को दिया हुआ है। नगर निगम के क्षेत्र में वहां पर कुल 100 वार्ड हैं। जहां तक ठोस अपशिष्ट के निष्पादन का सवाल है तो कचरे का सेग्रीगेशन नहीं होने के कारण निष्पादन की स्थिति खराब है। एनटीपीसी द्वारा पेलेट बनने का एक प्लांट चलाया जा रहा है। इसके अलावा वहां पर कोई प्लांट नहीं है।
कल रात इंदौर की टीम द्वारा वाराणसी के प्रसिद्ध शिव मंदिर के कॉरिडोर का अवलोकन किया गया। इस कॉरिडोर के अवलोकन में पाया गया कि वहां पर सफाई की स्थिति अच्छी थी। दुकानदारों द्वारा अपनी दुकान के बाहर डस्टबिन भी रखे गए थे। वहां पर जब निगम की टीम द्वारा नागरिकों से चर्चा की गई तो उन्होंने स्वच्छता में अपनी रुचि का प्रदर्शन किया। आज इंदौर की टीम की वाराणसी के अधिकारियों के साथ मीटिंग होगी। इस मीटिंग में सारे आंकड़े सामने रखे जाएंगे। यह बताया जाएगा कि सारे शहर से कितने कचरे का कलेक्शन हो रहा है। इसके अलावा ट्रेंचिंग ग्राउंड में कितना कचरा रखा हुआ है। पूरे शहर में क्या स्थिति है। प्राथमिक रूप से इंदौर की टीम को यह समझ में आया है कि वाराणसी में सबसे बड़ी समस्या कचरे के स्पिट सेग्रीगेशन की है।
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