
नई दिल्ली। मौजूदा भू-राजनीतिक तनावों (Geopolitical Tensions) के बावजूद वैश्विक ऊर्जा (Global Energy) आपूर्ति पर्याप्त है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने यह बात कही। पुरी ने वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच ऊर्जा सुरक्षा के बारे में चिंताओं पर बात की। उन्होंने कहा कि कई चीजें है जो कच्चे तेल की कीमतों पर असर डालती हैं। लोग कहते हैं कि अगर कहीं सैन्य संघर्ष होता है, तो इसका असर होगा। कई सैन्य संघर्ष होते हैं, फिर भी कीमतें 65 से 70 डॉलर प्रति बैरल के बीच रहती हैं।
केंद्रीय मंत्री ने वैश्विक ऊर्जा मंचों में भारत की बढ़ती भूमिका को रेखांकित किया, खासतौर पर यह बताते हुए कि देश ने हाल ही में पहली बार ओपेक सेमिनार में भाग लिया। उन्होंने कहा कि यह मूल रूप से ओपेक देशों की एक बैठक है। अब जबकि हम दुनिया में कच्चे तेल के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक हैं, तो हमारा वहां उपस्थित होना स्वाभाविक है।
आइसलैंड की यात्रा के दौरान पुरी ने जियोथर्मल ऊर्जा सहयोग की संभावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आइसलैंड जियोथर्मल के मामले में बहुत मजबूत है और हम उनका लगातार सहयोग कर रहे हैं। वहां निजी क्षेत्र से बातचीत करने का फायदा यह होता है कि भविष्य में किए जा सकने वाले काम की पहचान हो सकेगी।
पुरी ने इंडिया एनर्जी वीक के उल्लेखनीय विकास पर प्रकाश डाला, जिसकी शुरुआत तीन साल पहले हुई थी। अब यह अबू धाबी स्थित एडीआईपीईसी के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ऊर्जा मंच बन गया है। उन्होंने बताया, “एडीआईपीईसी तेल और गैस से संबंधित है, जबकि हम जैव ईंधन और हरित हाइड्रोजन सहित सभी प्रकार की ऊर्जा से संबंधित हैं। उन्होंने इस मंच का विस्तार जियोथर्मल ऊर्जा को शामिल करने की योजना का भी उल्लेख किया ।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved