
इंदौर, राजेश ज्वेल
स्वच्छता (Cleaning) में लगातार 7 बार नम्बर वन (7 times number one) आने के चलते कुछ शहरों के पेट में जो दर्द शुरू हुआ और उसके साथ ही स्वच्छता सर्वे में इंदौर (Indore) के साथ खेला (played) कर दिया गया। पहले तो उसे सुनियोजित तरीके से स्पर्धा से बाहर किया गया, फिर जो 23 शहरों की अलग से सुपर लीग बनाई गई उसमें पहले नम्बर पर तो इंदौर को रखा। मगर अंकों का खुलासा नहीं किया गया। दूसरी तरफ जुगाड़ कर अहमदाबाद को इंदौर का स्थान देते हुए नम्बर वन घोषित करवा दिया। इंदौर के अफसरों-जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ लाखों नागरिकों को स्वच्छता महागुरु की लालीपॉप अवश्य पकड़ा दी गई और आज सबसे पहले राष्ट्रपति के हाथों इंदौर को सम्मानित भी करवा दिया। अफसरों ने हालांकि तमाम प्रयास किए कि स्वच्छता सर्वेक्षण के जो 12500 अंक तय किए हैं उसका भी खुलासा किया जाए। हालांकि यह संभव है कि डेशबोर्ड पर बाद में परिणाम बताए जाएं। मगर अवॉर्ड सेरेमनी शुरू होने के पहले तक इस बात का खुलासा नहीं किया था कि अंकों को घोषित किया जाएगा। इस बार इंदौर सुपर लीग में शामिल अन्य 22 शहरों को पछाडक़र अव्वल रहा है और अब प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणस ी को भी चमकाने का जिम्मा उसे मिल गया।
इंदौर की नकल करते हुए सूरत, नवी मुंबई, अहमदाबाद, लखनऊ से लेकर मध्यप्रदेश के भोपाल-जबलपुर ने झाड़ू लगाना तो शुरू कर दी, मगर कचरे के सेग्रीगेशन, निपटान से लेकर अन्य मामलों में पीछे ही रहे। 2016-17 में इंदौर नगर निगम ने घर-घर से कचरा कलेक्शन करने के साथ उसकी सेग्रीगेशन प्रोसेस शुरू करवाई और उसके बाद लगातार कचरे में मिलने वाली सामग्रियों का इस्तेमाल सीएनजी, डीजल, बिजली से लेकर तमाम अन्य प्रयोगों में किया जाने लगा। देश-दुनिया में इंदौर की स्वच्छता का डंका बजने लगा, जिसका फायदा उद्योगों, निवेशकों की पसंद बना और इंदौर की ब्रांड वैल्यू पिछले 7 सालों में नम्बर वन रही। हालांकि पिछले साल भी सूरत को इंदौर के बराबर नम्बर वन की पोजीशन में खड़ा कर संयुक्त रूप से अवॉर्ड दिया गया, तो कुछ समय भोपाल आए केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहरलाल खट्टर ने भी स्पष्ट कहा था कि लगातार 7 साल तक स्वच्छता रैंकिंग में इंदौर नम्बर वन आ रहा है, इससे अन्य शहरों को तकलीफ होने लगी और उनका कहना है कि जब इंदौर को ही हर बार नम्बर वन का खिताब देना है तो फिर बाकी शहर मेहनत क्यों करें। यही कारण है कि आठवीं बार के स्वच्छता सर्वेक्षण से इंदौर को बड़ी होशियारी से बाहर किया गया और अलग से एक सुपर लीग तैयार की गई जिसमें उन शहरों को शामिल किया गया जो पिछले पिछले दो-तीन सर्वेक्षण में नम्बर-2 से लेकर 10 तक शामिल रहे और इस बार इन 23 शहरों के बीच ये सुपर लीग का मुकाबला केन्द्र सरकार ने शुरू करवाया, जिसमें यह तय किया गया कि 85 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल करने वाले शहर ही इस लीग में शामिल रह पाएंगे। आज राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू ने सबसे पहले इंदौर को ही सुपर लीग में नम्बर वन के रूप में सम्मानित किया, जिसके लिए कल ही निगमायुक्त शिवम वर्मा, अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा सहित 18 सदस्यों की टीम दिल्ली पहुंच गई और इजराइल यात्रा पर गए महापौर पुष्यमित्र भार्गव के भी सीधे समारोह में शामिल होने की जानकारी सामने आई। सूत्रों का कहना है कि इंदौरी अफसरों ने कल भी दिनभर और आज सुबह यह प्रयास किए कि स्वच्छता सर्वेक्षण के अंकों का भी खुलासा किया जाए, ताकि यह पता लग सके कि इंदौर के बाद के शहरों को कितने अंक मिले हैं। 12500 अंकों में से इंदौर तो हालांकि सर्वाधिक अंक पाकर नम्बर वन की पोजीशन पर कायम रहा। मगर उसके साथ केन्द्र सरकार में बैठे जिम्मेदारों को यह डर था कि अहमदाबाद को नम्बर वन घोषित किया जा रहा है। उसके अंक अगर इंदौर से कम रहे तो फिर यह संदेश जाएगा कि सुपर लीग के साथ-साथ स्वच्छा सर्वेक्षण में भी एक तरह से इंदौर ही नम्बर वन रहा। यही कारण है कि सुबह तक अंकों को घोषित करने का निर्णय नहीं लिया गया। हालांकि टीम में शामिल लोगों को का कहना है कि जो डेशबोर्ड प्रदर्शित होगा उससे यह इस बात का खुलासा हो सकता है कि अंकों की दौड़ में इंदौर से कौन-कौन से शहर पीछे रहे।
इंदौर के पास दो तमगें बरकरार…
इंदौर स्वच्छता सर्वेक्षण में सुपर स्वच्छ लीग में सर्वोच्च स्थान पर रहे इंदौर के पास सेवन स्टार सिटी और वाटर प्लस का दर्जा बरकरार रहा है। इन दोनों दर्जे के लिए भी स्वच्छता सर्वेक्षण के बाद में अलग से सर्वेक्षण किया गया था। इस बार भी इस सर्वेक्षण में कसौटी पर इंदौर खरा उतरा है।
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