
भुवनेश्वर । कांग्रेस के नेतृत्व में 8 विपक्षी दलों के (Called by 8 opposition parties under the leadership of Congress) ओडिशा बंद का व्यापक असर रहा (Odisha Bandh had huge impact) । यह 12 घंटे का बंद बालासोर की फकीर मोहन स्वायत्त कॉलेज की छात्रा के आत्मदाह के विरोध में और महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा के खिलाफ बुलाया गया ।
सुबह 6 बजे से शुरू हुए इस बंद के कारण भुवनेश्वर में बसों का परिचालन ठप ऱहा, दुकानें बंद रहीं और राष्ट्रीय राजमार्ग 16 सहित मास्टर कैंटीन चौक (जो राज्य सचिवालय, रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डे से जुड़ा हुआ है) पर प्रदर्शनकारी चक्काजाम कर प्रदर्शन कर रहे थे । इससे सड़कों पर पूरी तरह से आवागमन बाधित हो गया । प्रदर्शनकारी बालासोर में फकीर मोहन स्वायत्त कॉलेज की 20 वर्षीय छात्रा की आत्मदाह की घटना में कड़ी कार्रवाई और उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यबंशी सूरज के इस्तीफे की मांग कर रहे थे।
सीपीआईएम (लिबरेशन) के नेता महेंद्र परिदा ने कहा कि छात्रा ने कई बार मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री, केंद्रीय शिक्षा मंत्री, जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, स्थानीय विधायक और सांसद से मदद मांगी, लेकिन किसी ने उनकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने बताया कि कॉलेज की आंतरिक शिकायत समिति ने आरोपी प्रोफेसर समीर साहू को बर्खास्त करने की सिफारिश की थी, लेकिन प्राचार्य ने इसका विरोध किया और समझौते का दबाव बनाया। परिदा ने तीन प्रमुख मांगें रखीं, जिनमें उच्च शिक्षा मंत्री का इस्तीफा, घटना की न्यायिक जांच और सभी दोषियों को सख्त सजा शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ओडिशा में पिछले एक साल में भाजपा सरकार के शासन में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अत्याचार बढ़े हैं और सरकार इसकी अनदेखी कर रही है।
ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव प्रदीप महापात्रा ने कहा कि आठ दलों का गठबंधन शांतिपूर्ण तरीके से बंद का आयोजन किया । उन्होंने बताया कि लोगों ने इस बंद का समर्थन किया । महापात्रा ने कहा कि सरकार को अपनी कार्यशैली सुधारनी चाहिए और लोगों के हित में काम करना चाहिए।
हालांकि, इस बंद से छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ा । भुवनेश्वर में एक छात्र ने बताया कि आज उनकी प्रैक्टिकल परीक्षा थी, लेकिन बंद के कारण उन्हें परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में दिक्कत हुई। छात्र ने कहा, “हमें पांच किलोमीटर दूर पैदल जाना पड़ा, क्योंकि कोई सवारी उपलब्ध नहीं थी ।” कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआई(एम), सीपीआईएमएल, फॉरवर्ड ब्लॉक, सपा, राजद और एनसीपी जैसे दलों ने इस बंद को समर्थन दिया । सुबह 6 बजे से शुरू हुआ बंद शाम 6 बजे तक चला । प्रदर्शनकारी सरकार से महिलाओं की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने की मांग कर रहे थे ।
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