
ग्वालियर. ग्वालियर (Gwalior) की बदहाल सड़कों (Streets) की तस्वीर फिर सामने आई है, शहर की दर्पण कॉलोनी (Darpan Colony) में सड़क धंसने (road collapse) से दो पहिया और चार पहिया वाहन गड्ढों में फंस गए. क्रेन (crane) की मदद से कारों को बाहर निकाला गया. इससे पहले चेतकपुरी रोड पर भी बड़े वाहन सड़क के गड्ढों में धंस चुके हैं.
दरअसल, ग्वालियर में धंसती और टूटती सड़कों ने शहर का बुरा हाल कर दिया है. लगातार हो रही बारिश से कई स्थानों पर पानी भर गया. जल भराव की समस्या की वजह से कांग्रेस नेता सुनील शर्मा सड़क पर गंदे पानी में धरने पर बैठे और बारिश के बीच प्रदर्शन किया.
इससे कुछ दिन पहले करोड़ों की लागत से बनी महल रोड इस मानसून में आठवीं बार जगह-जगह धंस गई थी. बारिश के कारण सड़क में गहरे गड्ढे हो गए थे, जिनमें कई वाहन फंस गए. बता दें कि करीब 18 करोड़ की लागत से इस सड़क को खोदकर पानी की लाइन बिछाई गई थी, जिसके चलते करीब छह महीने तक मार्ग बंद रहा था. सड़क बनने के बाद मार्ग खोला गया, लेकिन यह मानसून की पहली बारिश भी नहीं झेल सकी.
उधर, मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भारी बारिश के बाद एमपी (महाराणा प्रताप ) नगर चौराहे के पास एक व्यस्ततम सड़क पर 10 फीट से बड़ा गड्ढा बन गया. बताया गया कि यह सड़क लोक निर्माण विभाग (PWD) के तहत आती है. इसके नीचे एक पुराना नाला बहता है. गुरुवार सुबह से हो रही बारिश के बाद गड्ढा बनने की बात सामने आई है. इस घटना को लेकर कांग्रेस के नेताओं ने गड्ढे के पास सड़क पर धरने पर बैठे और प्रदर्शन किया.
भोपाल की सड़क को लेकर हो रहे राजनीतिक बवाल पर प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने कहा, ”राजधानी भोपाल के चेतक ब्रिज से बोर्ड ऑफिस चौराहा तक बनी जिस रोड में गड्ढे को लेकर कांग्रेस छाती पीट रही है, वह 2002 में सीपीए (CPA) से पीडब्ल्यूडी को हस्तांतरित हुई थी, मतलब 2002 से पहले बनी थी.”
मंत्री ने ‘X’ पर लिखा, ”रिपोर्ट कहती है कि उक्त नाले का स्ट्रक्चर लगभग 50 वर्ष पुराना है. 2002 से पहले किसकी सरकार थी क्या यह भी हम ही बताएंगे, आपकी ही सरकार थी यह तो पता ही होगा… फिर भी जो हमारी ज़िम्मेदारी है वह हम पूर्ण करेंगे ही. क्षतिग्रस्त ड्रेनेज कलवर्ट का रिपेयर तत्काल प्रारम्भ कर दिया है, जो लगभग 24 घंटे में पूर्ण कर लिया जाएगा.”
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