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अमेरिका द्वारा टीआरएफ को आतंकवादी संगठन घोषित करना सराहनीय – विदेश मंत्री एस. जयशंकर

July 18, 2025


नई दिल्ली । विदेश मंत्री एस. जयशंकर (External Affairs Minister S. Jaishankar) ने कहा कि अमेरिका द्वारा द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को आतंकवादी संगठन घोषित करना (US has declared TRF Terrorist Organisation) सराहनीय है (It is Commendable) । भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इसे भारत-अमेरिका आतंकवाद-रोधी सहयोग की एक मजबूत पुष्टि बताया।


जयशंकर ने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा, “भारत-अमेरिका आतंकवाद-रोधी सहयोग की एक मजबूत पुष्टि। लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक प्रॉक्सी (मुखौटा संगठन) टीआरएफ को एक विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) के रूप में नामित करने के लिए अमेरिकी विदेश विभाग और सीनेटर मार्को रुबियो की सराहना करता हूं।”

वहीं, अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास ने भी आधिकारिक एक्स पोस्ट में लिखा, “अमेरिकी फैसले पर भारतीय दूतावास ने कहा कि टीआरएफ पर बैन भारत और अमेरिका के मजबूत आतंकवाद विरोधी सहयोग का उदाहरण है। हम अमेरिकी विदेश विभाग के आभारी हैं कि उन्होंने द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को विदेशी आतंकी संगठन (एफटीओ) और वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) के रूप में सूचीबद्ध किया। टीआरएफ 22 अप्रैल को पहलगाम में नागरिकों पर हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ले चुका है।”

बता दें कि टीआरएफ ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हमले ने क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा की थीं। इससे पहले गुरुवार (अमेरिकी समयानुसार), अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एक बयान जारी कर कहा, “आज विदेश विभाग ने द रेजिस्टेंस फ्रंट को विदेशी आतंकवादी संगठन (फॉरेन टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशन) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (स्पेशल डेजिग्नेटेड ग्लोबल टेररिस्ट) के रूप में नामित किया है। टीआरएफ, लश्कर-ए-तैयबा का एक फ्रंट और मुखौटा संगठन है। उसने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी। उसमें 26 नागरिक मारे गए थे। यह 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में नागरिकों पर सबसे घातक हमला था, जिसे लश्कर ने अंजाम दिया था। टीआरएफ ने भारतीय सुरक्षा बलों पर कई हमलों की भी जिम्मेदारी ली है।”

यह कदम भारत के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि जम्मू-कश्मीर जैसे क्षेत्रों में आतंकवादी संगठनों की गतिविधियां लंबे समय से चिंता का विषय रही हैं। जयशंकर ने इस सहयोग को ‘आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस’ की नीति का हिस्सा बताया है।

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