इस्लामाबाद। भारत की तरफ से सिंधु जल समझौते (Indus Water Agreement) को रोके जाने का दुख़ा पाकिस्तान ने मुस्लिम देशों के संगठन (OIC) में भी सुनाया है। पाकिस्तान 57 मुसलमान देशों की संस्था इस्लामिक सहयोग संगठन की मीटिंग में यह बात रखी और कहा कि भारत ने एकतरफा तौर पर यह फैसला लिया है। जेद्दा में आयोजित OIC के ह्यूमन राइट्स कमिशन के 25वें सत्र में पाकिस्तान ने कहा कि हमारे अधिकारों का भारत की ओर से हनन किया जा रहा है। पाकिस्तान ने ‘राइट टू वार’ नाम से आयोजित सेशन को संबोधित करते हुए कहा कि यह फैसला मनमाना है।
समा टीवी के मुताबिक सत्र को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि सैयद फवाद शेर ने कहा भारत ने एकतरफा तौर पर यह निर्णय लिया है और इससे वर्ल्ड बैंक की ओर से तय शर्तों का भी उल्लंघन किया गया है। उन्होंने कहा कि पानी तो हमारे लिए मूल अधिकार की तरह है, लेकिन भारत उसे भी हमसे छीनने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान ने कहा कि हम तो पहले ही पानी के संकट का सामना कर रहे हैं। ऐसे में यदि भारत से आने वाली नदियों में पानी की कमी हुई तो हमारे आगे मुश्किल हालात होंगे। उन्होंने कहा कि इससे हमारे इलाके में जलवायु का संकट पैदा हो सकता है। पानी की किल्लत होगी और खेती से लेकर तमाम जरूरी चीजों पर खतरा पैदा होगा।
सैयद फवाद शेर ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से इस मसले को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर लगातार उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह बड़ी परेशानी है। हालांकि पाकिस्तान के इस रुख के बाद भी मुस्लिम देशों के संगठन ने अब तक कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है, जिसमें इस मसले का कोई जिक्र हो। बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौते को रोक दिया है। इसके अलावा सिंधु समेत सभी नदियों पर बांध आदि परियोजनाओं पर तेजी लाई जा रही है। इनके माध्यम से पाकिस्तान की ओर से जाने वाले पानी का इस्तेमाल किया जाएगा।
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