
नई दिल्ली। आज 21 जुलाई 2025 को सावन (Sawan) का दूसरा सोमवार (Second Monday) है। सावन (Sawan) के दूसरे सोमवार पर कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) समेत सर्वार्थ सिद्धि व अमृत सिद्धि योग (Sarvartha Siddhi and Amrit Siddhi Yoga) बनने से दिन का महत्व रहा है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु व सावन सोमवार व्रत भगवान शिव को समर्पित है। ऐसे में आज का दिन हर व हरि दोनों की उपासना के लिए खास माना जा रहा है। सावन सोमवार के दिन भगवान शिव के भक्त विधिवत शिव पूजन व जलाभिषेक करने के साथ ही व्रत भी करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से मनवांछित फल की पूर्ति होती है। जानें सावन के दूसरे सोमवार पर बनने वाले शुभ संयोग का महत्व व शिव पूजन व जलाभिषेक का समय…
सावन के दूसरे सोमवार को पूरे दिन भगवान शिव का पूजन व जलाभिषेक किया जा सकेगा क्योंकि पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। सावन सोमवार पर शिवलिंग के जलाभिषेक के कुछ शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं।
सावन के दूसरे सोमवार को जलाभिषेक के शुभ मुहूर्त-
अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजे से दोपहर 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 44 मिनट से दोपहर 03 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। गोधूलि मुहूर्त शाम 07 बजकर 17 मिनट से शाम 07 बजकर 38 मिनट तक रहेगा।
ये शुभ संयोग बढ़ा रहे दिन का महत्व- ज्योतिषाचार्य आनंद दुबे ने बताया कि एकादशी व्रत के साथ सावन के दूसरे सोमवार को पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। इस दिन अमृत सिद्धि योग का भी शुभ संयोग बन रहा है। ऐसी मान्यता है कि सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। जबकि अमृत सिद्धि योग किसी भी काम की शुरुआत के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।
राहुकाल का समय: ज्योतिष शास्त्र में पूजा-पाठ व मांगलिक कार्यों के लिए राहुकाल वर्जित है। आज राहुकाल सुबह 07 बजकर 19 मिनट से सुबह 09 बजकर 02 मिनट तक व्याप्त रहेगा। मान्यता है कि राहुकाल के समय किए गए कार्यों का शुभ फल नहीं प्राप्त होता है।
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