
इंदौर। मध्य प्रदेश गृह निर्माण मंडल द्वारा नेहरू नगर और एलआईजी कॉलोनी के जर्जर भवन तोडऩे के बारे में फैसला 10 अगस्त तक ले लिया जाएगा। फिर जो फैसला होता है, उसके हिसाब से आगे का कार्य किया जाएगा। यह जानकारी गृह निर्माण मंडल के अधिकारियों ने विधायक महेंद्र हार्डिया के द्वारा बुलाई गई बैठक में दी। हार्डिया ने कल मध्य प्रदेश गृह निर्माण मंडल के अधिकारियों की मीटिंग ली। उनके द्वारा अधिकारियों से कहा गया कि नेहरू नगर एवं एलआईजी के जर्जर भवन के पुनर्निर्माण हेतु कई वर्षों से प्रयास किए जा रहे हैं। कल से कोई भी भवन क्षतिग्रस्त होता है या गिरता है और जनहानि होती है तो उसकी समस्त जवाबदारी मंडल के अधिकारियों की होगी।
इस बैठक में इस क्षेत्र के पुनर्विकास की प्लानिंग करने वाले आर्किटेक्ट को भी बुलाया गया। आर्किटेक्चर को निर्देश दिया गया कि प्लानिंग के कार्य को जल्द पूरा करें। गृह निर्माण मंडल द्वारा पहले ही यह फैसला ले लिया गया था कि इन भावनाओं को तोड़ा जाएगा और उसके स्थान पर नए भवन का निर्माण होगा। जितने समय तक यह निर्माण चलेगा, उतनं समय तक इस भवन में रहने वाले लोगों को दूसरे किराए के मकान में रहने के लिए किराया भी गृह निर्माण मंडल देगा। इसके साथ ही इन लोगों को नए भवन में वर्तमान में इनके भवन के आकार से 20 प्रतिश अधिक आकार का स्थान दिया जाएगा। बैठक में अधिकारियों द्वारा बताया गया कि 10 अगस्त तक इस बारे में कार्ययोजना तैयार कर ली जाएगी। इसके बाद में इस कार्ययोजना के अनुसार काम शुरू किया जाएगा। विधायक हार्डिया ने कहा कि यदि आवश्यकता पड़ेगी तो इस मामले में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से भी चर्चा की जाएगी।
जर्जर भवन के आसपास अतिक्रमण और अवैध निर्माण
गृह निर्माण मंडल अपने जर्जर हो चुके भवन तोड़ नहीं पा रहा है और लोगों ने इन भवनों के आसपास अतिक्रमण और अवैध निर्माण कर लिया है। भवन का जितना क्षेत्रफल है, उससे ज्यादा क्षेत्रफल में अवैध निर्माण करते हुए कब्जा कर लिया गया है। अब तक गृह निर्माण मंडल भी इस कब्जे को अनदेखा कर रहा है। नगर निगम के पास तो फुर्सत ही नहीं है कि वह इस स्थिति को देख सके अथवा उस पर कार्रवाई कर सके। कल की बैठक में भी भवन तोडऩे के बारे में तो बातचीत हुई, लेकिन इन अवैध निर्माण और कब्जे पर कोई बात नहीं हुई।
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