
माले । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) शुक्रवार को मालदीव (Maldives) पहुंचेंगे। उनकी यह यात्रा मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (President Mohamed Muizzu) के निमंत्रण पर हो रही है। इस यात्रा से पहले मालदीव की सरकार और पूर्व सरकार के नेता काफी गदगद हैं। वहां के पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने पीएम मोदी की इस यात्रा से पहले भारत की जमकर तारीफ की है। उन्होंने भारत को एक सच्चा दोस्त बताते हुए कहा है कि भारतीय लोगों का दिल बहुत बड़ा होता है और जब भी हमें मदद की जरूरत होती है तो हमेशा ही भारत आगे आता है। भारत ने कभी भी मालदीव को निराश नहीं किया है।
मीडिया से बात करते हुए मालदीव के पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने कहा है कि मालदीव और भारत के बीच संबंधों ने हमेशा यह दिखाया है कि भारत पहली प्रतिक्रिया देने वाला देश है। जब भी हम अंतरराष्ट्रीय लाइन पर डायल करते हैं, भारत सबसे पहले प्रतिक्रिया देता है। इसके कई कारण हैं। सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि भारतीय लोगों का दिल बड़ा है और वे पड़ोस में मालदीव की सहायता के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, वे बहुत उदार हैं। दूसरा, भारत भौगोलिक रूप से मालदीव के बहुत करीब है। जब भी मालदीव में कोई अत्यावश्यक और संकटपूर्ण घटना होती है, भारत ने हमें कभी निराश नहीं किया है। भारत सरकार द्वारा सहायता में वृद्धि उदारता और परिपक्वता को दर्शाती है। कूटनीतिक तनाव के बावजूद, भारत ने फैसला किया कि संबंध लोगों के बीच है और सरकारें बदलती रहती हैं, सत्ता में राजनीतिक दल बदलते रहते हैं लेकिन हमारे दोनों लोगों के बीच मौजूद संबंध ठोस आधार पर हैं और कभी नहीं बदले हैं।”
अब्दुल्ला शाहिद ने आगे कहा,”यह जरूरी है कि हम मालदीववासी यह समझें कि सच्ची दोस्ती के लिए जरूरी है कि मालदीव के राजनीतिक दल और नेतृत्व अपने पड़ोसी देशों का इस्तेमाल अपनी राजनीतिक सुविधा के लिए हथियार के तौर पर न करें। जमीनी हकीकत हमें जल्दी और आसानी से प्रभावित करती है और यही हम देख रहे हैं। इसलिए, हमारे लिए जरूरी है कि हम अपने दोस्तों का इस्तेमाल अपनी राजनीतिक सुविधा के लिए हथियार के तौर पर करने से बचें। हमें सच्ची दोस्ती और सहयोग की भावना के साथ सम्मान और आगे बढ़ना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारे पड़ोस में ही एक बहुत बड़ा बाजार है। यह स्वाभाविक है कि हम भारत में हो रही आर्थिक तेजी का लाभ उठाएं। यह दुर्भाग्यपूर्ण था कि राजनयिक तनाव के कारण मालदीव आने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में गिरावट आई। लेकिन मुझे लगता है कि इस बार प्रधानमंत्री की यात्रा सब कुछ ठीक कर देगी। हमें जो संदेश मिल रहा है, उससे पता चलता है कि वर्तमान मालदीव सरकार इस जमीनी हकीकत को समझने के लिए तैयार है कि भारत एक सच्चा दोस्त है और भारत हमेशा अपने पड़ोसियों की भलाई के लिए काम करेगा और किसी की भी ओर से कोई दुर्भावना नहीं है। मुझे उम्मीद है और मैं उम्मीद करता हूं कि प्रधानमंत्री की यह यात्रा एक नई शुरुआत होगी, हमारे दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने का एक जरिया होगा।
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को मालदीव पहुंचेगे। पीएम मोदी यात्रा के दौरान मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस में भाग लेंगे। यह वर्ष भारत और मालदीव के बीच राजनैतिक संबंधों के 60 साल पूरे होने का भी अवसर है। प्रधानमंत्री ने कहा, ”मुझे राष्ट्रपति मुइज्जू और मालदीव के अन्य नेताओं के साथ मुलाकात की प्रतीक्षा है ताकि हम अपनी व्यापक आर्थिक और सामुद्रिक सुरक्षा भागीदारी को आगे बढ़ा सकें और भारतीय हिन्द महासागर क्षेत्र में शांति समृद्धि और स्थिरता के लिए आपसी सहयोग बढ़ा सकें।” उन्होंने विश्वास जताया कि उनकी मालदीव यात्रा से ‘पड़ोसी पहले’ की भारत की नीति को बल मिलेगा।
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