
देहरादून । पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Former Chief Minister Harish Rawat) ने कहा कि हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में हुई भगदड़ की घटना (Stampede incident in Haridwar’s Mansa Devi Temple) की गहनता से जांच की जाए (Should be Investigated thoroughly) । मनसा देवी मंदिर में रविवार को हुई भगदड़ की घटना पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गहरा दुख व्यक्त किया और इसे एक बड़ी चिंता का विषय बताया । उन्होंने कहा कि सुबह इस घटना का पता चलने पर उन्हें झटका लगा ।
पूर्व मुख्यमंत्री ने तीर्थस्थलों की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि उत्तराखंड में देवताओं का वास है और वे स्वयं लोगों को वहां आने के लिए फेसबुक लाइव के माध्यम से प्रोत्साहित करते हैं। हालांकि, उन्होंने इस हादसे पर सवाल उठाया कि मनसा देवी मंदिर, जो ऊंचाई पर स्थित है और जहां उड़न खटोला (रोपवे) या लंबा पैदल मार्ग ही पहुंचने के रास्ते हैं, वहां इतनी बड़ी भीड़ को नियंत्रित क्यों नहीं किया जा सका।
रावत ने मांग की कि भगदड़ की वजह, खासकर बिजली के करंट की अफवाह, की गहराई से जांच होनी चाहिए। उन्होंने मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अपील की कि पीड़ितों को पर्याप्त मदद दी जाए, घायलों का इलाज सुनिश्चित किया जाए और उन्हें सुरक्षित उनके घर पहुंचाया जाए। रावत ने यह भी कहा कि ऐसी घटनाओं से सबक लेकर भविष्य में तीर्थयात्राओं के लिए बेहतर तैयारियां करनी होंगी ताकि ऐसी दुर्घटनाएं दोबारा न हों।
मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष रवींद्र पुरी के अनुसार, यह हादसा सीढ़ी मार्ग पर अत्यधिक भीड़ और तंग रास्ते के कारण हुआ, जहां एक बच्चे के पैर फिसलने से भगदड़ शुरू हो गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि करंट फैलने की अफवाह गलत है और इसे विरोधियों द्वारा फैलाया जा रहा है। प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किए, जिसमें एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें शामिल थीं। घायलों को एम्स ऋषिकेश, हरमिलाप मिशन राजकीय चिकित्सालय, और मेला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने भक्तों से अपील है कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें।
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