
नई दिल्ली. अमेरिका (America) के राष्ट्रपति (President) डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और यूरोपीय संघ (EU) के बीच एक बड़े और ऐतिहासिक व्यापार समझौते (Trade agreements) की घोषणा हुई है. इस समझौते को ट्रंप ने ‘अब तक का सबसे बड़ा व्यापार समझौता’ करार दिया है, जो दोनों पक्षों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा.
ट्रंप ने इस अवसर पर बताया कि इस समझौते के अंतर्गत सभी देशों के बाजार खोल दिए जाएंगे और साथ ही यूरोपीय संघ पर सभी क्षेत्रों में 15 फीसदी टैरिफ लगाए जाएंगे. इसके साथ ही EU अमेरिका से सैन्य उपकरणों की खरीद में भी वृद्धि करेगा. ऊर्जा क्षेत्र में भी यूरोपीय संघ अमेरिका से करीब 150 अरब डॉलर की ऊर्जा खरीद करेगा, जो दोनों पक्षों की आर्थिक सहयोग को मजबूती देगा.
इसके अलावा, यूरोपीय संघ अमेरिका में 600 अरब डॉलर का निवेश करेगा, जिससे अमेरिका की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा. इस डील के तहत स्टील और एल्यूमीनियम पर पहले से लागू मौजूदा शुल्क व्यवस्था जारी रहेगी. चिप्स या सेमीकंडक्टर सेक्टर को लेकर अगले दो हफ्तों के भीतर 232 सेक्शन के तहत नई घोषणा की जाएगी, जो इस इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी पहल होगी.
यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने इस समझौते को स्थिरता लाने वाला करार दिया और कहा कि यह दोनों पक्षों के बीच बेहतर व्यापारिक संबंध स्थापित करेगा. साथ ही, एलुटनिक ने बताया कि चिप्स सेक्टर से संबंधित नई नीतियां जल्द ही सामने आएंगी.
यह व्यापार समझौता वैश्विक स्तर पर आर्थिक संबंधों को दोबारा संवारने और व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा देने वाला महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. दोनों पक्षों को उम्मीद है कि इससे आर्थिक विकास और स्थिरता को नई ऊंचाइयां प्राप्त होंगी. यह डील न सिर्फ अमेरिका-यूरोप के संबंधों को मजबूत करेगी, बल्कि वैश्विक व्यापार में भी नए अवसरों के द्वार खोलेगी.
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