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उज्ज्वल निकम बोले-पाक ने भी नहीं कहा कि अजमल कसाब के खिलाफ मुकदमा गलत, लेकिन…

July 28, 2025

मुंबई। मुंबई आतंकी हमले (Terrorist Attack) के बाद पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब (Pakistani terrorist Ajmal Kasab) की चर्चा एक बार फिर होने लगी है। राज्यसभा सदस्य एवं 26/11 मुंबई आतंकवादी हमला मामले में सरकारी वकील रहे उज्ज्वल निकम (Ujjwal Nikam) ने कहा है कि कुछ विपक्षी नेताओं ने मुकदमे को लेकर निराधार दावे किए थे। निकम ने सांसद बनने पर आयोजित एक सम्मान समारोह में कहा, ‘यहां तक कि पाकिस्तान ने भी यह दावा नहीं किया कि अजमल कसाब के खिलाफ गलत मुकदमा चलाया गया था। पाकिस्तान ने कभी नहीं कहा कि कसाब को (अपनी बेगुनाही साबित करने का) मौका नहीं दिया गया।’ उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं ने मुझे भी देशद्रोही करार दे दिया।
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कसाब उन 10 आतंकवादियों में से एकमात्र जीवित बचा था, जिन्होंने नवंबर 2008 में मुंबई पर आतंकी हमला किया था, जिसमें 166 लोगों की मौत हो गई थी। कसाब को 2012 में फांसी दे दी गई थी। निकम ने कहा, ‘विपक्ष के कुछ लोगों ने दावा किया कि पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे, विजय सालस्कर और अशोक काम्टे की हत्या आरएसएस से जुड़े एक (पुलिस) निरीक्षक ने की।’

निकम ने दावा किया, ‘कांग्रेस के एक बड़े नेता ने दावा किया कि मुझे इसकी जानकारी थी और उन्होंने मुझ पर देशद्रोही होने का आरोप लगाया।’ राज्यसभा सदस्य बनने के बाद पहली बार उत्तर महाराष्ट्र में अपने पैतृक जिले जलगांव पहुंचे निकम ने कहा कि वह क्षेत्र की प्रगति में योगदान देने का प्रयास करेंगे।


निकम ने कहा कि जेल के सारे कैदी मेरी कुंडली जानते हैं। नकिम ने मजाकिया लहजे में कहा कि अगर जेलों में चुनाव होते तो मैं जरूर जीत जाता। बता दें कि निकम को हाल ही में राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए नामित किया है। वह एक प्रतिष्ठित वकील हैं। मुंबई आतंकी हमले समेत कई बड़े आपराधिक मामलों में वह सरकारी वकील रह चुके हैं।गुलशन कुमार की हत्या का चर्चित केस भी उन्होंने लड़ा था।

राज्यसभा के सदस्य के रूप में शपथ लेने के बाद उन्होंने कहा था कि मेरा जन्म हनुमान जयंती के दिन हुआ, इसलिए किसी से डर नहीं लगता। उन्होंने कहा, मैं कोर्ट में बहस भी संस्कृत के श्लोक से शुरू करता हूं। क्रूर अपराधी के खिलाफ केस लड़ते समय मैं कहता हूं,

‘तेऽमी मानुषराक्षसाः परहितं स्वार्थाय निघ्नन्ति ये ये तु घ्नन्ति निरर्थकं परहितं ते के न जानीमहे’ यानी जो लोग अपने लिए दूसरों की जान लेते हैं वे इंसान होते हुए भी राक्षस हैं। जो लोग बिना स्वार्थ के ही हत्या करते हैं, उनको कुछ कहने के लिए बचा ही नहीं है।

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