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NASA का अंतरिक्ष में बड़ा कारनामा, धरती से 6 अरब किमी दूर परिक्रमा कर रहे कैमरे को किया रिपेयर

July 28, 2025

नई दिल्‍ली । कल्पना कीजिए, धरती (Earth) से करीब 6 अरब किलोमीटर दूर, जहां न कोई इंजीनियर है, न कोई औजार… वहां एक कैमरा (Camera) खराब हो जाए तो क्या किया जा सकता है? लेकिन NASA ने असंभव को संभव कर दिखाया। जुपिटर ग्रह (planet jupiter) की परिक्रमा कर रहे Juno स्पेसक्राफ्ट (Juno Spacecraft) के कैमरे में खराबी आ गई थी, लेकिन धरती पर बैठे वैज्ञानिकों ने उसे दूर से ही ‘हील’ कर दिया। यह मिशन न सिर्फ तकनीकी चमत्कार है, बल्कि भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए नई राह भी खोलता है।

नासा के जुपिटर मिशन ‘जूनो’ की कैमरा प्रणाली JunoCam को हाल ही में बड़ा सुधार मिला है। जुपिटर के शक्तिशाली विकिरण से खराब हुई इस कैमरे को वैज्ञानिकों ने 370 मिलियन मील (करीब 6 अरब किलोमीटर) दूर से हीट ट्रीटमेंट तकनीक से सफलतापूर्वक ठीक किया है। इस तकनीक के जरिए कैमरे को 25 डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया गया, जिससे उसके माइक्रोस्कोपिक स्तर पर हुए नुकसान को ठीक किया जा सका।

JunoCam को क्या हुआ था?
2023 के आखिर में जब Juno अंतरिक्ष यान जुपिटर के चंद्रमा Io के पास से गुजर रहा था, तब उसके कैमरे में खामियां आने लगीं। ली गई तस्वीरों में लाइनें और शोर (noise) साफ दिखने लगे। टीम ने कई तरीके अपनाकर तस्वीरों की गुणवत्ता सुधारने की कोशिश की, लेकिन कुछ काम नहीं आया।


नासा के इंजीनियर Jacob Schaffner और Michael Ravine के मुताबिक, कैमरे को गर्म करने का फैसला एक आखिरी दांव था। इसके लिए JunoCam का हीटर 77 डिग्री फॉरेनहाइट (लगभग 25 डिग्री सेल्सियस) तक बढ़ाया गया। इससे कैमरे में सिलिकॉन स्तर पर हुए विकिरण जनित डैमेज को ठीक किया जा सका।

क्या असर?
अब JunoCam से मिल रही तस्वीरें पहले से कहीं ज्यादा स्पष्ट हैं। Io के नॉर्थ पोलर रीजन की हाई-रेजोलूशन इमेज में सल्फर डाइऑक्साइड फ्रॉस्ट और ज्वालामुखीय गतिविधि साफ दिख रही हैं। नासा ने इस सफलता को “long-distance save” कहा।

इस तकनीक के परिणाम 16 जुलाई को अमेरिका के नैशविले में हुई IEEE Nuclear & Space Radiation Effects Conference में प्रस्तुत किए गए। वैज्ञानिक मानते हैं कि ये प्रयोग भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकता है।

Juno मिशन की उपलब्धि
कैमरे की खराबी के बावजूद Juno ने अब तक 74 बार जुपिटर की परिक्रमा की है, जिससे ग्रह के वायुमंडल, ध्रुवीय क्षेत्रों और उसके चंद्रमाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है।

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