
मामला महालक्ष्मी नगर मैन रोड की बेशकीमती 250 करोड़ की जमीन का, कोर्ट आदेश की अवमानना कर पुजारी ने बेच डाली
इंदौर। अग्रिबाण ने 11 मुसलमानों (Muslims) को बिकी श्रीराम मंदिर (Shri Ram Temple) और श्री खेड़ापति हनुमान मंदिर (Sri Khedaapati Hanuman Temple) की पिपल्याकुमार (Pipalyakumar) की जमीन का जो खुलासा किया था उसके बाद कलेक्टर आशीष सिंह ने इस जमीन को सरकारी घोषित कर दिया और मौके पर इस आशय का बोर्ड लगाते हुए कब्जा भी आज हासिल किया गया। 2.94 एकड़ इस जमीन की कीमत 250 करोड़ रुपए से कम नहीं है, क्योंकि उक्त जमीन बॉम्बे हॉस्पिटल के सामने महालक्ष्मी नगर मैन रोड पर मौजूद है। कलेक्टर ने 23 जुलाई को इस जमीन को लेकर आदेश जारी किया। हालांकि जमीन मालिकों ने अदालती चुनौती भी दे दी है। एसडीएम जूनी इंदौर ने राजस्व मंडल न्यायालय के पारित आदेश 15.06.2016 में दिए गए निर्देश के मुताबिक उक्त जमीन के संबंध में प्रक्रिया पूरी की है।
कोर्ट आदेश और पुजारी के पक्ष में हुए जय पत्र में यह स्पष्ट लिखा कि उक्त जमीन श्रीराम मंदिर और खेड़ापति मंदिर की पूजा-अर्चना के लिए दी गई है और इसी के चलते मिसल बंदोबस्त 1925-26 में भी खसरा क्रमांक 206 रकबा 2.94 एकड़ जमीन ईनाम देव स्थान खेड़ापति मंदिर पुजारी नंदराम बल्द ऊंकारदास बैरागी के नाम पर दर्ज है तथा वर्ष 1997-98 से 2008-09 तक यह भूमि खेड़ापति मंदिर व्यवस्थापक कलेक्टर के नाम दर्ज रही। मगर 15.12.1995 में कोर्ट द्वारा पारित निर्णय और जयपत्र में आदेश में भी यह स्पष्ट कहा कि उक्त मंदिर की जमीन पूजा-अर्चना के लिए ही दी गई। बावजूद इसके अवैधानिक रूप से की गई रजिस्ट्रियों के चलते नामांतरण भी कर दिए गए। इस जमीन के 11 टुकड़े कर इम्तियाज पिता अब्दुल रजाक, मोहम्मद सलीम, मोहम्मद फारुख, आबेदा पति मोहम्मद फारुख, रीजवान मोहम्मद फारुख, मोहम्मद नईम, मोहम्मद अशफाक, मोहम्मद सलीम, अंजुम पति सलीम, अब्दुल रज्जाक, नूरमोहम्मद, अब्दुल मजीद, इकबाल पिता अब्दुल और मोहम्मद माज व अन्य के नाम ये जमीनें हो गई। कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम जूनी इंदौर प्रदीप सोनी ने तमाम दस्तावेजों और न्यायालय राजस्व मंडल के पारित आदेश और उसके आधार पर धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग मंत्रालय भोपाल के 25 अक्टूबर 2014 में दिए निर्देश के तहत इस पूरे मामले की जांच की, जिसमें यह पाया गया कि पुजारी को जमीन विक्रय करने के अधिकार थे ही नहीं और इस पिपल्याकुमार की सरकारी जमीन सर्वे नम्बर 206 के सभी नामांतरण विधि अनुरूप नहीं पाए जाने पर भू-राजस्व संहिता 1960 की धारा 50 में पुनरीक्षण में लिया गया, जिसके चलते कलेक्टर आशीष सिंह ने नामांतरण आदेशों को निरस्त करते हुए तहसीलदार जूनी इंदौर को निर्देश दिए कि कॉलम नम्बर 3 में मंदिर की इस जमीन को व्यवस्थापक कलेक्टर के नाम अंकित किया जाए। आज मौके पर बोर्ड लगाने और कब्जा लेने की कार्रवाई भी की गई।
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