कोरिया । उत्तर कोरिया (North korea) के नेता किम जोंग उन (kim jong un) की बहन ने दक्षिण कोरिया की नई सरकार के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है, जिसमें उसने दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने के लिए बातचीत की पेशकश की थी। किम जोंग की बहन ने इस प्रस्ताव को सोमवार को खारिज करते हुए कहा कि उत्तर कोरिया को दक्षिण कोरिया के साथ बातचीत करने में कोई रुचि नहीं है, चाहे उसका प्रतिद्वंद्वी कोई भी प्रस्ताव क्यों न पेश करे। किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग की इन टिप्पणियों से फिर से यह स्पष्ट होता है कि उत्तर कोरिया का निकट भविष्य में दक्षिण कोरिया व अमेरिका के साथ किसी भी प्रकार की कूटनीतिक बातचीत करने का कोई इरादा नहीं है।
उत्तर कोरिया इस समय रूस के साथ अपने बढ़ते सहयोग पर अधिक ध्यान दे रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर उत्तर कोरिया को लगता है कि रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त होने के बाद भी वह रूस के साथ अपने संबंधों को पहले जैसा नहीं रख पाएगा तो वह अपना रुख बदल सकता है। दक्षिण कोरिया के सरकारी मीडिया की ओर से जारी बयान में किम यो जोंग ने कहा, ‘हम एक बार फिर आधिकारिक रुख स्पष्ट करते हैं कि सियोल में चाहे कोई भी नीति अपनाई जाए और कोई भी प्रस्ताव रखा जाए, हमें उसमें कोई रुचि नहीं है। न ही उनसे मिलने का कोई कारण है और न ही चर्चा करने के लिए कोई मुद्दा है।’
ली जे-म्युंग सरकार की क्या नीति
यह दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे-म्युंग की सरकार की नीति के बारे में उत्तर कोरिया का पहला आधिकारिक बयान है। ली जे-म्युंग जून की शुरुआत में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति बने थे। उत्तर कोरिया के साथ तनावपूर्ण रिश्तों को सुधारने के लिए राष्ट्रपति ली जे-म्युंग की सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इस बीच, खबर है कि उत्तर कोरिया ने चोई ह्योन-श्रेणी के अपने तीसरे जंगी पोत के निर्माण का काम शुरू कर दिया है जिसे अगले साल अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा। यह पोत देश के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन के उस संकल्प के तहत है जिसमें उन्होंने देश की लंबे समय से उपेक्षित नौसेना को ताकतवर बनाने के लिए हर साल बड़े पोत बनाने का निश्चय किया है। कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने बताया कि देश के पश्चिमी तट पर स्थित नाम्फो शिपयार्ड में निर्माण कार्य की शुरुआत के लिए समारोह आयोजित किया गया, जिसमें कई शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।
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