
इंदौर। कलेक्टर आशीष सिंह ने कल एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 250 करोड़ रुपए कीमत की खेड़ापति हनुमान मंदिर की जमीन कब्जे में ली और अवैध रूप से उगाई गई फसल को भी नष्ट करवाया। 11 मुसलमानों के कब्जे में चली गई इस जमीन को मुक्त करवाने की कार्रवाई शहरभर में चर्चा का विषय रही। संघ-भाजपा सहित हिन्दू संगठनों ने अग्निबाण द्वारा उजागर इस भू-घोटाले की प्रशंसा करते हुए प्रशासन की भी सराहना की। हालांकि कतिपय जमीन मालिकों की ओर से कई वकील भी मौके पर कार्रवाई रुकवाने पहुंचे।
पीपल्याकुमार के खसरा नम्बर 206 की सरकारी जमीन श्रीराम एवं खेड़ापति मंदिर की है, जिस पर बीते कई वर्षों से मुसलमानों ने कब्जा कर रखा था और यहां तक कि नामांतरण आदेश भी हासिल कर लिए और जमीन के 11 टुकड़े भी हो गए। अग्निबाण ने इस पूरे मामले को पिछले दिनों उजागर किया। आज हाईकोर्ट में भी सुनवाई होना है, क्योंकि जमीन पर काबिज लोगों ने प्रशासन की इस कार्रवाई को चुनौती भी दी है और कुछ वकील कल मौके पर पहुंचे और उन्होंने भी कार्रवाई रुकवाने के प्रयास किए।
मगर मौके पर मौजूद एसडीएम जूनी इंदौर प्रदीप सोनी ने इन वकीलों को प्रशासन द्वारा दिए गए आदेश और नियम-कानून, राजस्व बोर्ड के आदेश सहित अन्य जानकारी भी दी और कब्जा लेने की कार्रवाई भी जारी रखी। जूनी इंदौर तहसीलदार प्रीति भीसे के साथ निगम के झोनल अधिकारी और रिमूवल दस्ता पुलिस जवानों के साथ मौके पर मौजूद रहा। गैरेज, फल-फ्रूट की दुकानें सहित अन्य अतिक्रमण, अवैध निर्माण भी मौके पर ध्वस्त किए गए और जिला प्रशासन ने तुरंत ही सूचना बोर्ड भी लगवा दिया, जिसमें कलेक्टर एवं व्यवस्थापक द्वारा चेतावनी दी गई कि उक्त जमीन मंदिर स्वामित्व की है। इस पर किसी प्रकार का अनाधिकृत प्रवेश, कब्जा, निर्माण और उपयोग अवैधानिक रहेगा। दूसरी तरफ भाजपा के शहर अध्यक्ष सुमित मिश्रा ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री से चर्चा कर इस जमीन का उपयोग धार्मिक कार्य के लिए किया जाएगा।
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