
नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा भारतीय वस्तुओं (Indian Items) पर 25% टैरिफ (25% tariff) के ऐलान के कुछ घंटों बाद, भारत सरकार (Government of India) ने कहा कि अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता जारी रखते हुए किसानों, उद्यमियों और एमएसएमई के हितों की रक्षा के लिए सरकार कड़े कदम उठाएगी. भारत ने कहा, “सरकार हमारे किसानों, उद्यमियों और एमएसएमई के कल्याण की रक्षा और संवर्धन को सबसे ज्यादा अहमियत देती है. सरकार हमारे राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी, जैसा कि ब्रिटेन के साथ आर्थिक और व्यापार समझौते सहित अन्य व्यापार समझौतों के मामले में किया गया है.”
भारत ने कहा कि विदेशी खिलाड़ियों के लिए अपने बाज़ार खोलते हुए, वह घरेलू खिलाड़ियों के हितों की सुरक्षा के प्रति भी संवेदनशील है. इसके लिए भारत ने हाल ही में ब्रिटेन के साथ हुए मुक्त व्यापार समझौते का हवाला दिया.
भारत के किन सेक्टर्स पर पड़ेगा असर?
ट्रंप के द्वारा ऐलान किए गए नए टैरिफ प्लान भारत के कई बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले निर्यात क्षेत्रों पर लागू होंगे. ऑटोमोबाइल, ऑटो कंपोनेंट, स्टील, एल्युमीनियम, स्मार्टफोन, सोलर मॉड्यूल, समुद्री उत्पाद, रत्न-भूषण, और चुनिंदा प्रसंस्कृत खाद्य और कृषि उत्पाद सभी 25 फीसदी टैरिफ की लिस्ट में शामिल हैं. हालांकि, फार्मास्यूटिकल्स, सेमीकंडक्टर और महत्वपूर्ण खनिजों को इससे बाहर रखा गया है.
इस बीच, अर्थशास्त्री भारत के लिए अन्य देशों के साथ गहरे आर्थिक संबंध बनाने, नए मार्केट्स की खोज करने और अपने देश में एक नया मौके देखने जैसी बात कर रहे हैं. जिससे ट्रंप की आक्रामक व्यापार नीतियों से प्रेरित बदलती भू-राजनीति के बीच वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के फिर से संतुलित होने के साथ सुधारों को बढ़ावा मिलेगा.
क्या चाहता है अमेरिका?
अमेरिका, भारत से अपने कृषि और डेयरी उत्पादों और जेनेटिकली मोडिफाइड फसलों के लिए मार्केट्स ओपन करने और इन पर टैरिफ कम करने की मांग कर रहा है. अमेरिका चाहता है कि भारत इन सेक्टर्स में सौ फीसदी तक के टैरिफ को हटाए या कम करे. इस पर भारत सहमत नहीं है. भारत के सहमत नहीं होने की वजह यह है कि भारत में इससे एक बड़ा वर्ग प्रभावित हो जाएगा. खासकर छोटे किसानों पर इसका असर हो सकता है.
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