
इंदौर। गणेशोत्सव (Ganeshotsav) को अभी वक्त है, लेकिन शहर में पंडालों में मिट्टी की प्रतिमाओं (Clay Statues) के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। इस साल शहर ही नहीं, आसपास भी गणेश के बाल स्वरूप की सबसे ज्यादा मांग है। बंगाली मूर्तिकारों के हाथों से पंडाल में बनने वाली गणेश प्रतिमाओं में 50 फीसदी गणेश प्रतिमाएं बाल स्वरूप वाली हैं।
बंगाली चौराहे के आसपास बड़ी संख्या में बीते तीन महीने से बंगाली मूर्तिकार मिट्टी की प्रतिमाओं का निर्माण कर रहे हैं। अभी बनने वाली प्रतिमाओं को मौसम के कारण सूखने में वक्त लग रहा है। इंदौर के बड़े पंडालों में विराजित होने वाली बड़ी प्रतिमाएं और बाहर जाने वाली प्रतिमाएं बनकर तैयार हैं, बस सजावट का काम बाकी है। बीते साल रायपुर से वायरल हुई गणेश के बाल स्वरूप की प्रतिमा इस साल इस क्षेत्र में मांग में है। कई पंडालों में सबसे ज्यादा इसी स्वरूप में गणेश दिखाई देंगे।
बड़ी-छोटी हजारों प्रतिमाएं बाल स्वरूप की तैयार की गई हैं। पाल मूर्तिकाल आट्र्स के अतुल पाल ने बताया कि प्रतिमाओं की मांग में पिछले साल से इजाफा हुआ है। इतनी मांग है कि अब हमने प्रतिमा के ऑर्डर लेना बंद कर दिए हैं। कच्चे माल, परिवहन के साथ मेहनताना में बढ़ोतरी के कारण इस साल प्रतिमाओं के दाम में भी हलका उछाल है।
भोलेनाथ और हनुमान स्वरूप भी बन रहे
इंदौर के कई बड़े पंडालों के लिए 10 फीट से ज्यादा की मिट्टी की प्रतिमाएं तैयार की गई हैं। आड़ा बाजार में इस साल सांवरिया सेठ स्वरूप, मल्हारगंज में बड़ा गणपति स्वरूप, आलोक नगर में भगवान परशुराम स्वरूप में गणेश विराजित होंगे। कई स्थानों के लिए भोलेनाथ स्वरूप और हनुमानजी स्वरूप में भी प्रतिमाएं तैयार की गई हैं।
उज्जैन के लिए 21 फीट के गणेश
उज्जैन महाकाल चौराहे पर स्थापित होने वाली गणेश प्रतिमा हर साल अतुल पाल ही बनाते हैं। इस साल 21 फीट की प्रतिमा तैयार की गई है। अब इसे सजाने का काम किया जाएगा। पाल के मुताबिक इस साल प्रतिमा सजावट के लिए लौंग और हरी इलायची इस्तेमाल की जा रही है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved