
नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के तीखे हमलों के बाद भारत-रूस संबंधों (India-Russia Relations) में किसी भी तरह के तनाव (Tension) की बात को खारिज कर दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल (Randhir Jaiswal) ने कहा कि अलग-अलग देशों के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंध अपनी शर्तों पर आधारित हैं और इसे किसी तीसरे देश के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और रूस एक स्थिर और समय की कसौटी पर उतरने वाला साझेदार है. रक्षा सहयोग (Defence Cooperation) के बारे में पूछे जाने पर जायसवाल ने कहा, “हमारी रक्षा आवश्यकताओं की पूर्ति पूरी तरह से हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) आवश्यकताओं और रणनीतिक आकलन से निर्धारित होती है.”
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत-अमेरिका साझेदारी ने कई बदलावों और चुनौतियों का सामना किया है. ट्रंप के डेड इकोनॉमी वाले बयान पर रणधीर जायसवाल ने कहा, “हम उस ठोस एजेंडे पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जिसके लिए भारत और अमेरिका प्रतिबद्ध हैं. हमें पूरा भरोसा है कि अमेरिका के साथ हमारे संबंध आगे बढ़ते रहेंगे. भारत और अमेरिका के बीच साझा हितों, लोकतांत्रिक मूल्यों और लोगों से लोगों के बीच मजबूत संबंधों पर आधारित व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है.”
ईरान के साथ व्यापार करने वाली भारतीय कंपनियों पर अमेरिका की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों से संबंधित सवालों पर रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने प्रतिबंधों पर ध्यान दिया है, हम इस पर विचार कर रहे हैं.” उन्होंने उन रिपोर्टों पर भी प्रतिक्रिया दी, जिनमें कहा गया था कि भारतीय तेल कंपनियों ने रूसी तेल की आपूर्ति बंद कर दी है. उन्होंने कहा, “ऊर्जा आपूर्ति आवश्यकताओं के प्रति हमारे दृष्टिकोण से सब अवगत हैं. हम बाजार में उपलब्ध संसाधनों और मौजूदा वैश्विक स्थिति पर नजर रखते हैं. हमें किसी विशेष चीजों को लेकर जानकारी नहीं है.”
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