
नई दिल्ली । बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर विशेष चर्चा को लेकर (Regarding special discussion on voter list revision in Bihar) कई विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को संयुक्त रूप से पत्र लिखा (Many Opposition MPs jointly wrote a letter to Lok Sabha Speaker Om Birla) ।
सांसदों ने अपने पत्र में इस प्रक्रिया की टाइमिंग और मंशा पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि यह कदम बिहार विधानसभा चुनावों से ठीक पहले उठाया गया है, जिससे संदेह पैदा होता है। पत्र में कहा गया है, “हम, विपक्षी दलों के प्रतिनिधित्व करने वाले सांसदगण, बिहार में चल रहे मतदाता सूची संशोधन को लेकर अपनी गंभीर शंका व्यक्त करते हैं। यह कई गंभीर सवाल खड़े करता है।” सांसदों ने यह भी बताया कि चुनाव आयोग ने संकेत दिए हैं कि ऐसी ही प्रक्रिया अन्य राज्यों में भी जल्द शुरू हो सकती है। पत्र में आगे लिखा गया है, “पारदर्शिता, समय और इस प्रक्रिया के पीछे की मंशा को लेकर जो व्यापक चिंता है, उसे देखते हुए यह विषय तत्काल सदन की गंभीरता से सुनवाई का पात्र है।”
सांसदों ने याद दिलाया कि इस मुद्दे को विपक्ष पहले दिन से ही सत्र में उठाता आ रहा है और 20 जुलाई को हुई सर्वदलीय बैठक में भी यह मामला सामने रखा गया था। हालांकि, सरकार ने सभी मुद्दों पर चर्चा की इच्छा जताई थी, लेकिन अब तक मतदाता सूची संशोधन पर चर्चा के लिए कोई समय तय नहीं किया गया है।
पत्र में कहा गया कि मतदाता सूची में कोई भी बदलाव नागरिकों के मतदान के मूल अधिकार और देश में निष्पक्ष चुनाव की प्रणाली को सीधे प्रभावित करता है। उन्होंने लिखा, “लोकसभा में विशेष चर्चा से सदस्यों को इस विषय पर स्पष्टता मांगने, वैध चिंताओं को उठाने और पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने का अवसर मिलेगा।”
अंत में सांसदों ने आग्रह किया, “हम आपसे निवेदन करते हैं कि इस मुद्दे पर बिना किसी देरी के लोकसभा में विशेष चर्चा सुनिश्चित करें।” इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई, लालजी वर्मा, सुप्रिया सुले, अभय कुमार सिन्हा सहित कई अन्य विपक्षी सांसद शामिल हैं।
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