
नई दिल्ली । बिहार में एसआईआर को लेकर विपक्ष के भारी हंगामे के बीच (Amid uproar by opposition over SIR in Bihar) राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित हो गई (Rajya Sabha proceedings adjourned till Monday) ।
कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), आरजेडी, तृणमूल कांग्रेस सहित विपक्ष के कई सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के गहन रिव्यू का मुद्दा उठाते हुए इस पर चर्चा की मांग की । विपक्ष के कई सांसद अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ पर भी सदन में चर्चा चाहते थे। विपक्षी सांसदों ने नियम 267 के तहत इन मुद्दों पर चर्चा की मांग की। जिसे उपसभापति ने अस्वीकार कर दिया। इससे नाराज विपक्षी सांसदों ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामा होने पर सदन की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई। 12 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर भी विपक्ष अपनी मांगों पर अड़ा रहा जिसके चलते सदन की कार्यवाही सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
शुक्रवार को राज्यसभा की कार्यवाही प्रारंभ होने के कुछ देर बाद उपसभापति ने बताया कि विपक्ष के 28 सांसदों ने उन्हें विभिन्न मुद्दों पर नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए नोटिस दिए हैं। नियम 267 के अंतर्गत सदन के अन्य सभी कार्यों को स्थगित करके दिए गए विषयों पर चर्चा कराई जाती है और चर्चा के अंत में वोटिंग का प्रावधान होता है। डॉ. सस्मित पात्रा, सुलता देव, सुभाशीष खुंटिया, निरंजन बिशी, मानस रंजन समेत कई अन्य विपक्षी सांसदों ने उड़ीसा में गंभीर अपराधों, महिलाओं व गर्ल चाइल्ड के साथ होने वाले अपराधों पर नियम 267 के तहत चर्चा की मांग की।
वहीं, नीरज डांगी, अखिलेश प्रसाद सिंह, सुष्मिता देव, संजय सिंह, राजीव शुक्ला, साकेत गोखले व रेणुका चौधरी समेत कई अन्य सांसद बिहार में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन रिव्यू के मामले पर चर्चा की मांग कर रहे थे। तृणमूल कांग्रेस के रीतीब्रता बनर्जी, सागरिका घोष व डीएमके के तिरुचि आदि सांसदों ने देश के विभिन्न हिस्सों में पश्चिम बंगाल के कामगारों के साथ भेदभाव की बात कहते हुए इस पर चर्चा की मांग की। पीपी सुनील, संतोष कुमार पी और वी शिवादासन चाहते थे कि अमेरिका द्वारा लगाए गए 25 प्रतिशत टैरिफ और पैनल्टी व इसके प्रभावों को लेकर सदन में चर्चा की जाए।
इसके अलावा रामजीलाल सुमन ने राज्यसभा के सभापति रहे जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर चर्चा कराए जाने की मांग रखी। राज्यसभा के उपसभापति ने इन सभी चर्चा की मांगों को अस्वीकार कर दिया। इसके लिए उन्होंने ऐसे ही प्रस्तावों (नियम 267) पर पूर्व में लिए गए निर्णयों का हवाला दिया। उपसभापति द्वारा चर्चा की अनुमति न मिलने के उपरांत विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की और वे अपनी सीटों से उठकर आगे आ गए। जिसके कारण सदन की कार्यवाही को पहले 12 बजे तक के लिए स्थगित किया गया। 12 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर भी यह हंगामा जारी रहा, जिसके कारण सदन की कार्यवाही शेष बचे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
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