
नई दिल्ली । पाकिस्तान (Pakistan) के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार हरियाणा की ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra) की हिसार कोर्ट (Hisar Court) में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज छठी पेशी हुई। अदालत ने ज्योति की न्यायिक हिरासत 14 दिन बढ़ा दी। अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी। इस बीच ज्योति के पिता हरीश मल्होत्रा (Harish Malhotra) ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) को पत्र लिख कर अपनी बेटी को निर्दोष बताया है।
उन्होंने पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस ने कोरे कागज पर साइन कराकर खुद ही ज्योति का बयान लिखा है। देशद्रोह की धारा भी लगा दी लेकिन इसका कोई भी सबूत पुलिस अभी तक नहीं जुटा पाई है। हरीश मल्होत्रा ने कहा अब उनकी बेटी कभी पाकिस्तान नहीं जाएगी, मैं इसकी गारंटी लेता हूं।
पुलिस ने कोरे कागजों पर साइन करवा खुद लिखे बयान
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को भेजे पत्र में हरीश मल्होत्रा ने लिखा कि पुलिस की एफआईआर का आधार पूछताछ के दौरान ज्योति की ओर रिकॉर्ड करवाई गई स्टेटमेंट है। पुलिस ने उनकी बेटी से कई कोरे कागजातों पर साइन करवाकर अपने हिसाब से बयान लिखा है। संविधान का अनुच्छेद 20 हमें आत्म-दोषारोपण से बचाता है, जिसके तहत पुलिस किसी भी व्यक्ति को उसके खुद के खिलाफ गवाह नहीं बना सकती लेकिन एफआईआर में ज्योति को ही उसके खिलाफ गवाह बनाया हुआ है। यह एफआईआर असंवैधानिक है।
उन्होंने लिखा कि पुलिस ने एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 जोड़ी गई है और देशद्रोह का कोई आरोप नहीं लगाया है। 9 दिन के रिमांड के दौरान भी ऐसे सबूत नहीं मिले हैं। ऐसे में पुलिस को यह धारा हटानी चाहिए। हरीश ने कहा कि हिसार के एसपी ने मीडिया में प्रेस नोट जारी कर स्पष्ट किया था कि जांच के दौरान ज्योति के किसी भी संवेदनशील, सैन्य और रणनीति जानकारी तक पहुंच नहीं मिली है। ऐसी स्थिति में ऑफिशियल सिक्रेट एक्ट की धाराओं के आरोप भी मेरी बेटी के खिलाफ सही नहीं हैं।
एजेंसी कहे तो पाकिस्तान यात्रा के वीडियो हटाने को तैयार
हरीश मल्होत्रा ने कहा कि मेरी बेटी ट्रैवल ब्लॉगर थी और उसने पाकिस्तान यात्रा के सामान्य बनाए हैं। उनमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं हैं। फिर भी एजेंसी अगर कोई वीडियो हटाने के लिए कहती है तो उनको मेरी बेटी अपने ब्लॉग से हटा देगी, मैं इसकी गारंटी दे रहा हूं। अब मेरी बेटी अपनी पूरी जिंदगी में पाकिस्तान नहीं जाएगी। इसकी मैं गारंटी लूंगा। मेरी बेटी के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करवाकर मुझे व मेरी बेटी को न्याय दिलाने का कष्ट करें।
जेल में ही बीता 35वां बर्थडे
1 अगस्त को ज्योति मल्होत्रा का 35वां जन्मदिन जेल में ही बीता था। ज्योति जब डेढ़ साल की थी तो उसकी मां उसे शिशु गृह में छोड़ कर चली गई थी और पिता और दादा दादी ने उसे पाला था। 16 मई को गिरफ्तारी के बाद उसकी जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। 26 मई को अदालत में पेश कर उसे हिसार की सेंट्रल जेल-टू भेज दिया था। तब से वह जेल में ही है और उसके पिता उस से मिलने आते रहते हैं। ज्योति के वकील कुमार मुकेश अब डिफॉल्ट बेल की एप्लिकेशन लगाने की तैयारी कर रहे हैं।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved