
नई दिल्ली. जानेमाने कारोबारी अनिल अंबानी (Anil Ambani) से प्रवर्तन निदेशालय (ED) मंगलवार को पूछताछ कर रही है। 17,000 करोड़ रुपये (Rs 17,000 crore) के कथित ऋण धोखाधड़ी मामले की चल रही जांच के तहत अनिल अंबानी ईडी के सामने पेश हुए। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ने अनिल अंबानी (66) के पेश होने पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज किया। इससे पहले 1 अगस्त को ईडी ने अनिल अंबानी को तलब कर दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में पेश होने का निर्देश दिया था।
लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) भी जारी
इससे पहले उद्योगपति अनिल अंबानी के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) भी जारी किया गया था। इसके तहत अंबानी को बिना जांच अधिकारी की अनुमति के भारत छोड़ने की अनुमति नहीं थी। लुकआउट सर्कुलर के बाद वह अदालत के अनुमित के बिना भारत से बाहर नहीं जा सकते हैं। ईडी ने यह कदम ऐसे वक्त उठाया था, जब केंद्रीय एजेंसी ने मामले में पूछताछ के लिए अनिल अंबानी को दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में तलब किया। यह जांच संदिग्ध वित्तीय अनियमितताओं और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत संभावित उल्लंघनों से संबंधित है। एजेंसी इस मामले से जुड़ी विभिन्न संस्थाओं और व्यक्तियों की भूमिका की जांच कर रही है।
कंपनियों और अधिकारियों के ठिकानों पर छापे मारे थे
मामले में पिछले सप्ताह संघीय एजेंसी ने उनके व्यावसायिक समूह की कई कंपनियों और अधिकारियों के ठिकानों पर छापे मारे थे। 24 जुलाई को शुरू हुई यह कार्रवाई तीन दिन तक चली। कार्रवाई अंबानी की कंपनियों के कथित वित्तीय अनियमितताओं और 17,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के सामूहिक ऋण को किसी और काम में इस्तेमाल करने के मामले में की गई थी। मामले में मुंबई में 35 से अधिक स्थानों पर तलाशी ली गई। ये परिसर 50 कंपनियों और 25 लोगों से जुड़े थे, जिनमें अनिल अंबानी समूह की कंपनियों के कई अधिकारी भी शामिल थे। ईडी के सूत्रों ने कहा था कि जांच मुख्य रूप से 2017-2019 के बीच अंबानी की कंपनियों को यस बैंक से मिले लगभग 3,000 करोड़ रुपये के ऋण को किसी और काम में इस्तेमाल करने के आरोपों से संबंधित है।
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