
इंदौर। अभी 15 अगस्त से इंदौर सहित प्रदेशभर में 1200 नई चमचमाती गाडिय़ां दौडऩे लगेंगी। प्रदेश पुलिस को ये नए वाहन मिले हैं, जिनमें 50 से अधिक गाडिय़ां इंदौर भी भेजी जा रही हैं। दूसरी तरफ जो डायल-100 सेवा थी, वह अब 112 हो जाएगी और लगभग सभी थानों को एक या दो गाडिय़ां मिलेंगी। आपातकालीन मदद और चिकित्सा में ये सेवा आम जनता के लिए उपयोगी साबित होगी। पुरानी इस तरह की गाडिय़ां खटारा हो चुकी हैं और इनकी मरम्मत की राशि गैरेज संचालकों को नहीं मिल सकी। अब ये नई गाडिय़ों के साथ डायल-100 नंबर सेवा भी बंद हो जाएगी और उसकी जगह लोगों को 112 नंबर याद रखना पड़ेगा। हालांकि डायल-100 अधिक आसान और सभी की याददाश्त में दर्ज हो चुका है।
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने कानून व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए ये सुविधा उपलब्ध कराई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशन में प्रदेश पुलिस को ये नए 1200 वाहन आधुनिक संसाधनों के साथ उपलब्ध कराए जा रहे हैं। डीजीपी मकवाना के मुताबिक इन आधुनिक संसाधनों से प्रदेश की पुलिस कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा और आम जनता को इसका फायदा मिलेगा। त्वरित सहायता पहुंचाने और पुलिस रिस्पॉन्स टाइम को कम करने में भी ये आधुनिक वाहन मददगार बनेंगे।
अभी डायल-100 सहायता तो उपलब्ध कराती थी, मगर घायल व्यक्तियों को अस्पताल भेजने की व्यवस्था नहीं थी। मगर इन नई गाडिय़ों में स्ट्रेचर एवं मेडिकल सुविधाओं के साथ अस्पताल तक पहुंचाने की व्यवस्था भी रहेगी। क्योंकि कई बार सडक़ दुर्घटनाओं में एंबुलेंस के पहुंचने में देरी होती है, जिससे घायल व्यक्तियों को अस्पताल पहुंचाने में भी देरी होती है। अब ये गाडिय़ां एंबुलेंस का भी काम करेंगी। पुरानी गाडिय़ों में सिस्टम भी नहीं था, जिससे उसे ट्रैक करने में दिक्कत आती थी, मगर इन गाडिय़ों में लाइव जीपीएस रहेगा। वहीं यह भी दावा किया गया है कि कंट्रोल रूम पर 112 डायल करने पर अधिक समय इंतजार भी नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि जो नया कंट्रोल रूम और सिस्टम बनाया है, उसके माध्यम से एक साथ 100 कॉल भी लिए जा सकेंगे। नए सिस्टम में कॉलर्स की गोपनीयता भी बनी रहेगी।
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