
एमवाय के पोस्टमार्टम विभाग ने किया सनसनीखेज खुलासा
इंदौर, प्रदीप मिश्रा
एमजीएम मेडिकल कॉलेज (MGM Medical College) के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग और एम वॉय हॉस्पिटल (M Y Hospital) के पोस्टमार्टम विभाग (Post-mortem Department) ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है कि जो युवा हर दिन नशे के लिए ब्राउन शुगर या अन्य महंगे ड्रग्स नहीं खरीद सकते, वह इंटरनेट पर सर्च कर यू-ट्यूब में देखकर न सिर्फ नशीले ड्रग्स बनाना और उसे लेना सीख रहे हैं, बल्कि अपने साथियों को भी वह यह सब सिखा रहे हैं।
ऐसा ही मामला तब सामने आया, जब इंटरनेट पर सर्च कर यू-ट्यूब से देखकर अपने कमरे पर तैयार किए गए ड्रग्स के ओवरडोज के चलते नेपाली युवक की मौत हो गई। महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज सम्बन्धित फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष सिंह और उनकी टीम में शामिल प्रोफेसर तोमर ने बताया कि विजय नगर पुलिस स्टेशन के एएसआई अर्जुनसिंह परिहार अज्ञात कारणों से एक युवक के शव को पोस्टमाटर्म के लिए एमवाय हॉस्पिटल लेकर आए।
सीआईडी सीरियल की क्राइम स्टोरी की तरह थ्रिल और सस्पेंस
पोस्टमार्टम जांच करते डॉक्टर तोमर ने कहा कि एएसआई परिहार के अनुसार मृत युवक नेपाल का था। वह होटल में शेफ था। मतलब रसोइये का काम करता था। पोस्टमार्टम जांच के लिए उनके सामने जब शव (डेथ बॉडी) आया तो उन्होंने देखा कि उसकी बॉडी बिल्कुल हष्ट-पुष्ट नजर आ रही थी। मतलब प्रथम दृष्टया मृतक मृत्यु के पहले स्वस्थ था, यानी उसे कोई गम्भीर बीमारी नहीं थी। उसकी बॉडी पर चोट या किसी भी प्रकार के कोई निशान नहीं थे और न ही मामला खुदकुशी का नजर आ रहा था। अब सबसे बड़ा सवाल औऱ जांच का विषय यह था कि जब कुछ सही था तो फिर अकाल मौत क्यो..? मगर पोस्टमार्टम जांच कर रही टीम नौजवान युवक की अकाल मौत की गुत्थी को सुलझा नहीं पा रही थी और मामला सीआईडी सीरियल की क्राइम स्टोरी की तरह थ्रिल और सस्पेंस से भरपूर होता जा रहा था।
जांघ की नस में ऑलपिन की नोंक बराबर पॉइंट नजर आया
पोस्टमार्टम करने वाली टीम को हर एंगल से जांच के बावजूद भी मौत के अज्ञात कारणों का पता नहीं चल रहा था, तभी अचानक डाक्टर तोमर की नजर शव के जांघ की नस में ऑलपिन की नोंक बराबर जैसे होल पॉइंट (छेद ) पर पड़ी। जब गौर से देखा तो प्राइवेट पार्ट के नीचे जांघ के जॉइंट की नस (फेरोमल आर्टरी) में सूई की नोंक बराबर कुछ बारीक छेद दिखे, जो अंडरवियर की नीचे वाली किनोर से ढंके रहने के चलते नजर नहीं आ रहे थे। यह देखते ही डॉक्टर तोमर के चेहरे पर अचानक एक अलग तरह की चमक आ गई।
टेबलेट…लाइटर…चम्मच व इंजेक्शन की सूई से खुला राज
डॉक्टर तोमर ने जब कमरे का बारीकी से मुआयना किया तो वहां पर मृतक का बन्द मोबाइल, दर्द निवारक टेबलेट के 2 पत्ते, एक चम्मच जिस पर सफेद पाउडर जैसा कुछ चिपका हुआ था। इसके अलावा चम्मच के पास ही लाइटर पड़ा मिला। जब डॉक्टर ने दर्द निवारक टेबलेट के पत्ते पर नाम पढ़ा तो तो वह चौंक गए, क्योंकि यह टेबलेट बहुत ज्यादा दर्द होने पर बहुत ही विषम परिस्थितियों में बहुत ही सावधानी से दी जाती है और यह बिना डॉक्टर के मेडिकल पर्चे के मिलती ही नहीं है। इस विशेष टेबलेट के 2 पत्ते वहां मौजूद थे। इसी दौरान जब मृतक के बन्द मोबाइल को चार्ज कर के उस्की इंटरनेट पर हिस्ट्री की जांच की तो पता चला कि वह यू -ट्यूब पर बताई गई विधि के अनुसार दर्द निवारक दवा को चम्मच पर गर्म करके नशीला ड्रग्स तैयार करता था, फिर उसे इंजेक्शन से जांघ की नस में डाल कर नशा करता था। डॉक्टर तोमर के अनुसार विशेष टेबलेट से बनाए गए ड्रग्स के ओवरडोज लेने के चलते ही नेपाली युवक की मृत्यु हुई है।
पुलिस के साथ क्राइम सीन विजिट की
जफेरोमल आर्टरी पर मौजूद बारीक सुराख देखने के बाद फोरेंसिंक मेडिसिन टीम पुलिस ऑफिसर एएसआई के साथ नेपाली युवक के कमरे पर क्राइम सीन विजिट करने पहुंची। यहां पर नेपाली युवक अपने दोस्त के साथ विजय नगर थाना क्षेत्र इलाके में किराए से रहता था। कमरे में मौजूद मृतक के साथी से पूछताछ की तो उसने बताया कि नेपाली युवक होटल में सैफ (रसोइया) था। पहले गुड़गांव में काम करता था। कुछ दिनो ंपहले ही इंदौर आया था।
मृतक नेपाली के पार्टनर दोस्त ने बताया
ड्रग एडिक्ट मृतक नेपाली के रूम पार्टनर ने बताया कि वह इंजेक्शन लेकर बार-बार बाथरूम जाता था, मगर वह मुझे कुछ भी नहीं बताता था न मुझे कुछ समझ में आता था। उसे व्हाट्सऐप पर वीडियो काल करके उसका कोई दोस्त इस ड्रग्स को जांघ की नस पर लगाने के तरीके बताता था।
मै अभी तक लगभग 3000 से ज्यादा पोस्टमार्टम कर चुका हूं, मगर इस तरह का ऐसा पहला मामला मेरे सामने आया है। मृत युवक का विसरा और उसकी स्किन को फॉरेंसिक साइंस लैब में भेज दिया है।
-डॉ. जितेंद्र सिंह तोमर , एसोसिएट प्रोफेसर, फोरेंसिंक मेडिसिन विभाग, एमजीएम मेडिकल कॉलेज, इंदौर
इस गुत्थी को सुलझाने में क्राइम सीन विजिट का बहुत महत्व पूर्ण रोल रहा। ड्रग एडिक्ट युवाओ में इंटरनेट पर यू -ट्यूब देख कर ड्रग्स बनाने और नशा करने का यह खतरनाक चलन वाकई समाज के लिए खतरे की घंटी है।
-डॉ. बीके सिंह विभाग अध्यक्ष, फोरेंसिक मेडिसिन विभाग, एमजीएम मेडिकल कॉलेज, इंदौर
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