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भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार हुआ अमेरिका, टेंशन में आया ड्रैगन

August 15, 2025

बीजिंग। अमेरिका से टैरिफ विवाद (Tariff Dispute) के चलते संबंधों में आई गिरावट के बीच भारत और चीन एक बार फिर से करीब आने लगे हैं। चीनी विदेश मंत्री वांग यी की जल्द ही भारत का दौरा होने वाला है, जबकि एससीओ (SCO) की बैठक में शामिल होने के लिए पीएम मोदी भी चीन जाएंगे। इस बीच, चीन ने भारत के साथ मिलकर काम करने की बात कही है। उसने कहा है कि वह भारत के साथ मतभेदों को सही तरीके से सुलझाकर मिलकर काम करने के लिए तैयार है।

चीनी विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, ”चीन और भारत विभिन्न स्तरों पर बातचीत कर रहे हैं। हम दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण आम सहमति पर अमल करने, उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान की गति बनाए रखने, राजनीतिक आपसी विश्वास को मज़बूत करने, व्यावहारिक सहयोग बढ़ाने, मतभेदों को उचित ढंग से सुलझाने और चीन-भारत संबंधों के निरंतर, सुदृढ़ और स्थिर विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं। इस विशिष्ट यात्रा के बारे में, प्रासंगिक जानकारी समय आने पर जारी की जाएगी।”



भारत से चीन के लिए अगले महीने से सीधी उड़ानें फिर से शुरू होने वाली है। अगस्त और सितंबर में होने वाले शंघाई सहयोग शिखर सम्मेलन के समय इसकी घोषणा हो सकती है। इस सवाल से जुड़े जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, ”हमने संबंधित रिपोर्टें देखी हैं। चीन और भारत की कुल जनसंख्या 2.8 अरब से अधिक है। चीनी मुख्य भूमि और भारत के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू होने से सीमा पार यात्रा, आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। पिछले कुछ समय से, चीनी पक्ष दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों को जल्द से जल्द फिर से शुरू करने के लिए भारत के साथ निकट संपर्क में है।”

वहीं, जब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से पूछा गया कि हाल ही में चीन-भारत संबंधों में सकारात्मक गति देखी गई है, ठीक वैसे ही जैसे अमेरिका के साथ भारत के संबंधों को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। चीन भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को कैसे विकसित होते देखता है? इस पर लिन जियान ने जवाब दिया, ”चीन और भारत दोनों ही प्रमुख विकासशील देश और ग्लोबल साउथ के महत्वपूर्ण सदस्य हैं। ड्रैगन और हाथी का एक-दूसरे की सफलता में सहयोगी बनकर सहयोग करना दोनों पक्षों के लिए सही विकल्प है। चीन, भारत के साथ मिलकर दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण आम सहमति पर अमल करने, राजनीतिक आपसी विश्वास को लगातार बढ़ाने, आदान-प्रदान और सहयोग का विस्तार करने, व्यापक परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए मतभेदों को उचित रूप से सुलझाने, और शंघाई सहयोग संगठन जैसे बहुपक्षीय मंचों पर समन्वय और सहयोग को मजबूत करने के लिए तैयार है, ताकि चीन-भारत संबंधों के सुदृढ़ और स्थिर विकास को बढ़ावा दिया जा सके।”

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