
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा आवारा कुत्तों (Stray Dogs) को पकड़कर शेल्टर होम में डालने के फैसले की पशु प्रेमियों द्वारा काफी आलोचना की जा रही है। दिल्ली (Delhi) के कई इलाकों में कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अपनी आवाज उठाने के लिए मार्च भी निकाले। इन पशु प्रेमियों का मानना है कि कोर्ट का यह फैसला इन बेजबान जानवरों के ऊपर क्रूरता है। हालांकि लोगों के विरोध के बावजूद भी इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि पिछले कुछ सालों में कुत्तों द्वारा काटने की घटनाओं में वृद्धि हुई है, जिसके फलस्वरूप रेबीज जैसी बीमारी की संभावना बढ़ी है।
भारत में कुत्तों को लेकर लोगों के मन में जिज्ञासा बढ़ गई है कि बाकी देशों में कुत्तों के हालात कैसे हैं। तो आइए जानते हैं कुछ प्रमुख देशों के बारे में…
एक रिपोर्ट के मुताबिक कुत्तों के मामले में सबसे बेहतर देश हम नीदरलैंड को मान सकते हैं। यह एक ऐसा देश है, जहां आवारा कुत्तों से बहुत ही सावधानी के साथ व्यवहार किया जाता है। कुत्तों को मारना यहां पर एक गंभीर अपराध माना जाता है। कुत्तों की देखभाल करने का आलम यह है कि यहां पर एक खास पुलिस बल है जो कुत्तों से जुड़ी शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करती है और उनकी रक्षा करती है।
नीदरलैंड में आवारा कुत्तों की व्यवस्था के लिए एक व्यापक रणनीति अपनाई गई है। यहां पर आवारा कुत्तों को पकड़ा जाता है, उनकी नसबंदी की जाती है और टीकाकरण करके उन्हें शेल्टर होम में भेज दिया जाता है, यहां पर उन्हें खाना खिलाया जाता है और उनकी देखभाल की जाती है। यहां पर आम जनता भी लगातार कुत्तों की सहायता के लिए आगे रहती है। लगातार नसबंदी और टीका करण के फलस्वरूप इस देश में ‘आवारा’ कुत्तों की आबादी लगभग न के बराबर है।
नीदरलैंड में कुत्तों की खरीद फरोख्त को रोकने के लिए सरकार द्वारा इस पर कड़ा जुर्माना लगाया गया है। इसकी वजह से अगर किसी को पालने के लिए कुत्ता चाहिए तो उन्हें शेल्टर होम से ही उसे लेना पड़ता है, जिसकी वजह से कुत्तों को भी घर मिल जाता है। इसके अलावा यहां जन्म लेने वाले प्रति कुत्ते के जन्म के सात सप्ताह के अंदर माइक्रोचिप लगा दी जाती है। इसके अलावा इन्हें आठ सप्ताह के भीतर राष्ट्रीय डेटाबेस में शामिल कर लिया जाता है। इस प्रक्रिया के चलते चोरी किए गए या को गए कुत्तों को उनके मालिकों के पास पहुंचाने में आसानी होती है।
हालांकि हर जगह की कहानी एक जैसी नहीं है। जैसे चीन जैसे देशों में आक्रामक या बीमार कुत्तों को पकड़कर उनकी हत्या कर दी जाती है, हालांकि वहां पर भी ऐसे कु्त्तों की मदद करने के लिए संगठन मौजूद हैं। वहीं अमेरिका और यूरोप में आवारा कुत्तों को आश्रय दिया जाता है। पैदा होने के साथ ही उनको बेहतर ढंग से सिखाया जाता है और लोगों को गोद दिया जाता है। हालांकि अगर लंबे समय तक वह घर से बाहर है तो ऐसे में उनकी हत्या की जा सकती है।
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