
डेस्क: अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप (Trump) और रूसी राष्ट्रपति पुतिन (Putin) की हुई बैठक (Meeting) पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी थीं. दोनों नेताओं की बातचीत करीब तीन घंटे चली, लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस समझौता सामने नहीं हो पाया. सबसे अहम बात ये कि बैठक का जो मकसद था, यूक्रेन युद्ध को रोकना, उसके लिए ही कोई समझौता नहीं हो सका.
जब ट्रंप और पुतिन आमने-सामने थे, उसी दौरान ट्रंप ने अपनी पत्नी मेलानिया (Wife Melania) ट्रंप की ओर से पहले से लिखी निजी चिट्ठी पुतिन को सौंपी. इस चिट्ठी में उन्होंने यूक्रेन और रूस के बच्चों की हालत का जिक्र किया. व्हाइट हाउस के अधिकारियों के मुताबिक, ट्रंप ने यह चिट्ठी अलास्का में हुई शिखर वार्ता के दौरान खुद पुतिन को सौंपी.
स्लोवेनिया में जन्मी मेलानिया उस यात्रा में मौजूद नहीं थीं. अधिकारियों ने बताया कि चिट्ठी की पूरी बातें तो साझा नहीं की जा सकतीं, लेकिन इसमें यूक्रेन युद्ध के दौरान बच्चों के अपहरण का मुद्दा उठाया गया है. यूक्रेन का आरोप है कि रूस ने हजारों यूक्रेनी बच्चों को परिवार या अभिभावकों की परमिशन के बिना रूस या कब्जों वाले रूस ले गया है.
ये कदम युद्ध अपराध और यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र की परिभाषा के मुताबिक नरसंहार की श्रेणी में आता है. वहीं यूक्रेन के इस दावे पर मॉस्को का कहना है कि वे सिर्फ युद्ध क्षेत्र से कमजोर बच्चों की रक्षा कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने भी कहा है कि रूस ने 2022 में शुरू हुए युद्ध के बाद लाखों यूक्रेनी बच्चों को पीड़ा दी है और उनके अधिकारों का उल्लंघन किया है.
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