
नई दिल्ली । जापान(Japan) में तेत्सु यामादा(tetsu yamada) नाम के एक बुजुर्ग व्यक्ति(elderly person) ने रिटायरमेंट (Retirement)के बाद अपनी पत्नी से अलग रहने का फैसला किया। लेकिन, उनकी प्लानिंग नाकाम रही और दांव उलटा पड़ गया। उनकी पत्नी तो खुशहाल जिंदगी जी रहीं, लेकिन उन्हें अकेलापन सता रहा है। जापान में पत्नी से अलग हरने के इस कॉन्सेप्ट को सोत्सुकोन कहा जाता है। इसमें जोड़े विवाहित तो रहते हैं, लेकिन आजादी के लिए अलग रहते हैं। यह विचार, जो पहली बार 2004 में सामने आया था, अब वृद्ध जोड़ों के बीच आम हो गया है।
यामादा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में काम करने के बाद 60 साल की उम्र में रिटायर हुए और उन्हें बचत के साथ 50 मिलियन येन (करीब 3 करोड़) पेंशन मिली। वह अपनी पत्नी कीको के साथ अपने गांव जाना चाहते थे। उनका पुराना पारिवारिक घर अब भी अच्छी स्थिति में था। टोक्यो के शहरी जीवन की आदी कीको ने मना कर दिया। उनके दो बेटे भी टोक्यो में रहते और काम करते थे। इसके बजाय, उन्होंने सोत्सुकोन का सुझाव दिया, जिसे यामादा ने तलाक से आसान मानकर स्वीकार कर लिया। हालांकि, उनकी नई जिंदगी योजना के मुताबिक नहीं निकली।
यामादा ने अपनी पेंशन से घर को ठीक करवाया और एक शांत जीवन जीने की सोची। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, अपनी पत्नी के बिना घर के कामों में उन्हें दिक्कत आ रही थी और वे इंस्टेंट नूडल्स और फ्रोजन सब्जियों पर गुजारा कर रहे थे। इस बीच, उनकी पत्नी कीको टोक्यो में अपनी हस्तनिर्मित कार्यशाला में काम कर रही थीं। हालांकि वे कभी-कभार ऑनलाइन जुड़ते हैं, लेकिन वह अपने बेटों से कम ही बात करते।
यामादा ने कहा, “ऐसा लगता है कि मेरे बिना भी, वह बहुत खुश दिखती हैं।” यामादा ने अकेलेपन और पछतावे की बात स्वीकार की। अब उन्हें लग रहा है कि उनके परिवार को अब उनकी जरूरत नहीं है। यह पता नहीं है कि वह टोक्यो लौटेंगे या नहीं। इस पर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। एक यूजर ने कहा कि यामादा को लगा था कि वह दूसरी जिंदगी शुरू कर रहे हैं, लेकिन अपने परिवार को छोड़ना उनके लिए एक आपदा साबित हुआ।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved