
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार को उच्च स्तरीय बैठक (High level meeting) की अध्यक्षता की जिसमें शीर्ष केंद्रीय मंत्री (Union Minister), सचिव (Secretary) और अर्थशास्त्री (Economist) शामिल हुए। इस मीटिंग में अगली पीढ़ी के सुधारों के मसौदे पर विचार-विमर्श किया गया, जो उनके स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में की गई प्रमुख घोषणाओं में से एक थी। बैठक में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, शिवराज सिंह चौहान, पीयूष गोयल और ललन सिंह शामिल हुए।
पीएम मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले के प्राचीर से अपने संबोधन में ‘अगली पीढ़ी के सुधारों’ और जीएसटी कानूनों में संशोधन के लिए कार्यबल बनाने की घोषणा की थी। उन्होंने अपने 103 मिनट के भाषण का एक बड़ा हिस्सा सेमीकंडक्टर से लेकर उर्वरकों तक कई क्षेत्रों में भारत को आत्मनिर्भर बनाने पर केंद्रित किया था।
क्यों बेहद अहम रही यह बैठक
अमेरिका की ओर से भारत पर 50 प्रतिशत अतिरिक्त आयात टैरिफ लगाने के फैसले के बाद यह बैठक अहम मानी जा रही है। 1 अगस्त से 25 फीसदी अतिरिक्त आयात शुल्क लागू किया जा चुका है। 27 अगस्त से 25 प्रतिशत और आयात टैरिफ करने के आदेश पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। अमेरिका के साथ व्यापार समझौते में लेकर मुख्य बाधा कृषि व संबंधित क्षेत्रों को लेकर है। इसके बारे में मोदी स्पष्ट कर चुके हैं कि भारत अपने किसान, पशुपालक, मछुआरों के हितों के साथ किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगा।
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