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अहमदाबाद (गुजरात) अरुणभाइ और प्रमिलाबेन सोमाणी (मामा-मामी) परिवार के मनोरम मनोरथ से मोम्बासा में बह रही रामकथा का विराम दिन,सब की आंखे भीगी-भीगी और मौन!
सुनु मुनि तोहिं कहहुं सहरोसा।
भजहि जे मोहिं तजि सकल भरोसा।।
करउ सदा तिन्ह के रखवारी।
जिमि बालक राखइ महतारी।।
अरण्य कॉंड की ये दो पंक्तियों का गान कर के विराम की और चलते हुए भुशुंडीजी की तरह बाकी के कॉंड का विहंग दर्शन करवा के उपसंहारक सूत्र कहते हुए बापु ने पूरे कथा आयोजन मनोरथी परिवार और सब के प्रति दिल से प्रसन्नता का भाव व्यक्त किया।।
कथा के आरंभ में बापू ने कल कृष्ण जन्मोत्सव पर जो बधाइयां गाई गई थी वह याद करते हुए कहा कि सीताराम के विवाह के बाद राम वनवास,चित्रकूट निवास और वाल्मीकि से भगवान ने जगह पूछी भारद्वाज से रास्ता पूछा।।दशरथ का प्राण त्याग और चित्रकूट में भरत जी का बड़ा आत्म निवेदन यह सब प्रसंग कहकर कहा कि भारत पद का नहीं पादुका का पूजक है।।
उपसंहार बातें बताते हुए बताया परमात्मा के विभूतियों का अंत नहीं तो विभु का अंत कैसे होगा! लेकिन अनुभव से कहूंगा हमारी रक्षा राम के साथ जुड़ी पांच वस्तु से होगी:
एक राम रक्षा करता है।दूसरा राम का नाम रक्षा करता है।।तीसरा रामकथा रक्षा करती है।। चौथा राम दर्शन की लालसा हमारी रक्षा करती है और परम तत्व की राम की पादुका हमारा रक्षण करती है
राम कथा का सुफल यहां की पूरी गोरी काली जनता को अर्पण करते हुए बापू ने कथा को विराम प्रदान किया
अगली-962वीं रामकथा मानवीय क्रूरता की पराकाष्ठा ऑशविट्ज़-बिरकेनौ यातना शिविर में यहूदी नरसंहार-होलोकॉस्ट के पीड़ितों के स्मरणार्थ में Katowice International Conference Centre, placSławikaiAntalla 1, 40-163 Katowice, Poland से 23 अगस्त से 31 अगस्त के दरमियान होगी।।
ये कथा प्रसारण वैदिक टीवी चैनल और चित्रकूटधाम तलगाजरडा यु-ट्युब चैनल के माध्यम से समय तफावत के कारण पहले दिन शनिवार को ऱात 7:30 से 10:30 और बाकी के दिनों में दोपहर 1:30 से 5:00 बजे तक भारत में लाइव देखी जा सकती है।।
आस्था टीवी चैनल में भारत में डी-लाइव प्रसारण 24 अगस्त से 1 सितंबर तक सुबह 9:30 से 1:00 बजे तक होगा।।
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