img-fluid

डिजिटल हवाला से आतंकी फंडिंग, जैश-ए-मोहम्मद ने शुरू किया ऑनलाइन अभियान

August 20, 2025

नई दिल्ली: पाकिस्तान (Pakistan) की आतंक (Terror) पर कथित कार्रवाई का सच एक बार फिर सामने आ गया है. भारत (India)की खुफिया एजेंसियों की जांच में खुलासा हुआ है कि जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने पाकिस्तान की डिजिटल वॉलेट (Digital Wallet) सेवाओं ईजीपैसा (EasyPaisa) और सादापे (SadaPay) के जरिए करीब 3.91 अरब रुपये (PKR 391 करोड़) का फंड जुटाने का अभियान शुरू किया है.

2019 में पाकिस्तान ने एफएटीएफ (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के लिए दावा किया था कि उसने जैश पर कार्रवाई की है—आतंकी मसूद अजहर और उसके भाइयों के बैंक खातों को निगरानी में रखा गया और चंदा इकट्ठा करने के पुराने तरीकों पर रोक लगा दी गई. इसी बहाने पाकिस्तान को 2022 में ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया गया, लेकिन अब यह साफ हो गया है कि जैश और आईएसआई ने मिलकर नए रास्ते से फंडिंग शुरू कर दी है.

अब बैंक खातों की बजाय पैसा सीधे मसूद अजहर और उसके परिवार के सदस्यों के डिजिटल वॉलेट में जा रहा है. जांच में यह भी पाया गया है कि केवल एक खाते में ही करोड़ों रुपये जमा किए गए हैं, जिनका इस्तेमाल आतंकी कैंपों और हथियार खरीदने के लिए हो रहा है.


एक खाता मसूद अजहर के भाई तल्हा अल सैफ के नाम पर मिला है, जबकि दूसरा ईज़ीपैसा खाता उसके बेटे अब्दुल्ला अजहर चला रहा है. खुफिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जैश ने पाकिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में 250 से ज्यादा डिजिटल वॉलेट सक्रिय कर रखे हैं.

जैश ने सोशल मीडिया पर पोस्टर और वीडियो जारी कर 313 नए “मारकज़” (धार्मिक-आतंकी केंद्र) बनाने का ऐलान किया है. हर केंद्र पर PKR 1.25 करोड़ खर्च दिखाया जा रहा है, जबकि असल लागत 4050 लाख से ज्यादा नहीं होती. इस तरह करोड़ों रुपये का फंड हथियारों और आतंकी गतिविधियों में लगाया जा रहा है.

भारत के “ऑपरेशन सिंदूर” (7 मई) में जैश के मुख्यालय मारकज़ सुभानअल्लाह और 4 ट्रेनिंग कैंप तबाह कर दिए गए थे. इसके बाद पाकिस्तान सरकार ने इन ठिकानों को दोबारा बनाने के लिए फंड देने का ऐलान किया. अब JeM ने खुलेआम डिजिटल वॉलेट्स के जरिए पैसा इकट्ठा करना शुरू कर दिया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, जैश की 80% फंडिंग अब डिजिटल वॉलेट्स के जरिए हो रही है. हर साल 800900 करोड़ रुपये इन खातों से ट्रांसफर किए जा रहे हैं. इस पैसे से हथियार, लग्जरी गाड़ियां, आतंकी कैंप चलाने और अजहर परिवार के खर्चे पूरे किए जा रहे हैं.

सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान का यह नया फंडिंग नेटवर्क एफएटीएफ की निगरानी से बचने का तरीका है, क्योंकि डिजिटल वॉलेट्स पर न तो SWIFT और न ही बैंकिंग सिस्टम की नजर होती है. यही वजह है कि इसे “डिजिटल हवाला” कहा जा रहा है.

भारत ने कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चेताया है कि पाकिस्तान आतंकी संगठनों को पनाह और फंडिंग दे रहा है. इस ताजा खुलासे ने एक बार फिर पाकिस्तान के झूठे दावों की पोल खोल दी है.

Share:

  • उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन ने नामांकन दाखिल किया

    Wed Aug 20 , 2025
    नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन (NDA candidate for the post of Vice President C.P. Radhakrishnan) ने नामांकन दाखिल किया (Filed Nomination) । इस मौके पर संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,अमित शाह ,राजनाथ सिंह सहित एनडीए के बड़े नेता भी मौजूद रहे। महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को एनडीए […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved