
नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल(West Bengal) के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (chief electoral officer) कार्यालय ने सीमावर्ती जिलों में नए मतदाताओं के रजिस्ट्रेशन(registration of voters) में भारी वृद्धि(steep rise) दर्ज की है। इकोनॉमिक टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा है कि पिछले तीन महीनों में फॉर्म-6 के जरिए नए वोटर रजिस्ट्रेशन में नौ गुना तक इजाफा हुआ है। पहले जहां प्रति विधानसभा क्षेत्र औसतन 100 आवेदन मिलते थे, अब यह संख्या बढ़कर करीब 900 प्रति माह तक पहुंच गई है।
CEO कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उत्तर और दक्षिण 24 परगना, नदिया, उत्तर दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद, मालदा और कूचबिहार जिलों में नए वोटरों के नामांकन में सबसे ज्यादा तेजी देखी गई है। गौरतलब है कि ये सभी जिले बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे हुए हैं। बीजेपी लंबे समय से इन क्षेत्रों में जनसांख्यिकीय बदलाव का मुद्दा उठाती रही है।
ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरी क्षेत्रों, खासकर कोलकाता में मतदान प्रतिशत हमेशा कम रहता है। इसे सुधारने के लिए चुनाव आयोग और राज्य CEO कार्यालय ने नई योजना शुरू की है। अब कोलकाता और अन्य शहरी जिलों की ऊंची इमारतों में भी मतदान केंद्र बनाए जाएंगे, बशर्ते वहां कम से कम 600 लोग रहते हों।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल ने कहा, “चुनाव आयोग ने हमें इस योजना को लागू करने का निर्देश दिया है। इसे पिछली दिल्ली विधानसभा चुनावों में आजमाया गया था और मतदान प्रतिशत में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई थी। अब इसे बंगाल में भी लागू किया जाएगा।”
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