
इस्लामाबाद। पाकिस्तान (Pakistan) के पंजाब में भारी बारिश (Rain) से सिंधु नदी (Indus River) में आई बाढ़ (Floods) ने तबाही मचा दी है। हजारों लोग बेघर हो गए और कपास, तिल व मूंग जैसी फसलें बर्बाद हो गईं। कई गांवों में घर ढह गए और लोग पशुओं को बचाने में संघर्ष कर रहे हैं। पीडीएमए ने रेड अलर्ट जारी किया है। यह आपदा जलवायु संकट (Disaster Climate Crisis) को लेकर पाकिस्तान की स्थिति को एक बार फिर उजागर करती है।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भारी बारिश ने भयंकर बाढ़ का रूप ले लिया है। सिंधु नदी में पानी का स्तर बढ़ने से हजारों गांववाले अपने घर छोड़ने को मजबूर हो गए। डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, लेय्या-तौंसा ब्रिज को बचाने के लिए बनाए गए सभी सुरक्षात्मक बांध और तटबंध बह गए। इससे निचले इलाकों में बसे ग्रामीणों के घर और खेत पूरी तरह तबाह हो गए हैं।
भारी बाढ़ ने कच्चे घरों को मलबे में बदल दिया। कई गांवों में लोग बेघर हो गए और उनके पास अब न तो छत है और न ही रोज़गार का कोई साधन। हजारों एकड़ में फैली फसलें पानी में डूबकर नष्ट हो गईं। जिन फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है उनमें कपास, तिल और मूंग शामिल हैं। स्थानीय लोगों ने सरकार की नाकामी पर नाराजगी जताई और कहा कि समय रहते रोकथाम के उपाय नहीं किए गए।
पिछले 24 घंटे में सरगोधा में 54 मिमी और फैसलाबाद में 31 मिमी बारिश दर्ज की गई। लाहौर, गुजरांवाला और रावलपिंडी जैसे शहरों में भी भारी बारिश हुई। तौंसा के कई गांवों में घर पूरी तरह गिर गए। बाढ़ का असर सिर्फ लोगों पर ही नहीं पड़ा, बल्कि पशुओं को बचाना भी ग्रामीणों के लिए बड़ी चुनौती बन गया।
पंजाब की प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने नदियों और बांधों के खतरनाक स्तर को देखते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। तौंसा और चश्मा में सिंधु नदी में मध्यम स्तर की बाढ़ है, जबकि तरबेला और कलाबाघ में निचले स्तर की बाढ़ दर्ज की गई है। सतलुज नदी भी गंडा सिंह वाला और सुल्तानकी पर निचले स्तर की बाढ़ में है।
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