
इंदौर। शासकीय श्री अहिल्या केंद्रीय पुस्तकालय में लगातार किए जा रहे नवाचार और रचनात्मक कामों में अब एक और काम जुड़ गया है। अब पुस्तकालय में पाठक डिजिटल भागवत गीता और रामायण का अनुभव कर सकेंगे। इन ग्रंथों को एक डिवाइस की सहायता से सुना जा सकेगा। इसकी शुरुआत संभागायुक्त दीपक सिंह ने की।
एक लाख से अधिक किताबों के संग्रह वाला शहर का ये पुस्तकालय आज के डिजिटल युग को देखते हुए उसी के साथ कदम से कदम मिला रहा है। पाठकों, खासकर युवाओं और बच्चों को अपने धर्म, भारत के गौरवशाली इतिहास और पुरानी कथाओं से परिचित कराने के लिए ये प्रयास किया गया है। पुस्तकालय प्रमुख डॉ. लिली डावर ने बताया कि इन ग्रंथों में निर्धारित स्थान पर डिवाइस टच करते ही ध्वनि सुनाई देगी। दोनों ग्रंथों में भजन, आपसी संवाद, श्लोक, मंत्र सुनाई दे रहे हैं। मसलन श्रीराम मंदिर के शिखर पर डिवाइस टच करते ही मंदिर की घंटी की धुन सुनाई दे रही है। श्रीराम के दर्शन करते भक्तों के मुख पर डिवाइस लगाते ही श्रीराम नाम सुनाई दे रहा है। अब ये दोनों डिजिटल ग्रंथ सभी पाठकों के लिए पुस्तकालय में उपलब्ध हैं। डावर के अनुसार डिजिटल आज के दौर की जरूरत है, इसलिए आगे भी कुछ ऐसे ग्रंथ लाने की योजना है, जिस पर काम किया जा रहा है, ताकि पाठकों की रुचि और बढ़े।
निगरानी में ही पाठकों के पास
पुस्तकालय में ये दोनों डिजिटल ग्रंथ यहां की टीम की निगरानी में ही पाठक पढक़र इसका अनुभव ले सकेंगे। ये किसी को अकेले में या घर लाने के लिए नहीं सौंपे जाएंगे। इन्हें अन्य किताबों के कलेक्शन से अलग से सहेजा जाएगा। उल्लेखनीय है कि विगत चार साल से लगातार कई तरह के नवाचार यहां किए जा रहे हैं। इसमें नई सदस्यता से लेकर नए बच्चों को पुस्तकालय तक जोडऩे और स्कूली बच्चों को पुस्तकालय भ्रमण करवाना तक शामिल है। अब डिजिटल ग्रंथ के साथ एक और नवाचार जुड़ गया है।
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