
नई दिल्ली । अहमदाबाद(Ahmedabad) में एक ऐसा वाकया, जो 29 साल बाद भी चर्चा में रहा, आखिरकार अब इतिहास(History) के पन्नों में दफन(buried in the pages) हो गया। साल 1996 में सरदार पटेल स्टेडियम में बीजेपी के एक समारोह में तत्कालीन गुजरात के मंत्री आत्माराम पटेल की धोती खींचने का मामला सुर्खियों में आया था। अब, अहमदाबाद की सिटी सेशंस कोर्ट ने इस मामले को खत्म कर दिया है, जिससे पूर्व केंद्रीय मंत्री एके पटेल को बड़ी राहत मिली है।
धोती खींचने का वह हंगामेदार वाकया
बात 1996 की है, जब बीजेपी के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने सरदार पटेल स्टेडियम में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था। जैसे ही उनका भाषण खत्म हुआ, माहौल गरमा गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के साथ मतभेद के चलते शंकरसिंह वाघेला के समर्थक एके पटेल और मंगलदास पटेल ने कथित तौर पर आत्माराम पटेल पर हमला किया और उनकी धोती खींच ली। यह घटना उस वक्त की सियासी हलचल का एक बड़ा प्रतीक बन गई थी। नारनपुरा पुलिस स्टेशन में इस मामले में IPC की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत केस दर्ज हुआ था।
कोर्ट में क्या हुआ?
गुरुवार को अहमदाबाद की सेशंस कोर्ट में इस मामले ने नया मोड़ लिया। पब्लिक प्रॉसिक्यूटर सुधीर ब्रह्मभट्ट ने CrPC की धारा 321 के तहत केस वापस लेने की अर्जी दाखिल की। उनकी दलील थी कि यह मामला अब 28 साल पुराना है और इसमें शामिल मुख्य गवाह (पीड़ित) आत्माराम पटेल और सह-अभियुक्त मंगलदास पटेल अब इस दुनिया में नहीं हैं। कोर्ट ने इस अर्जी को स्वीकार करते हुए कहा कि यह एक आंतरिक राजनीतिक विवाद था और इसे अब खत्म करना न्याय के हित में है। एडिशनल सेशंस जज एच जी पंड्या ने कहा, “प्रॉसिक्यूटर की अर्जी में नेकनीयति दिखती है। मामले की प्रकृति और रिकॉर्ड को देखते हुए, केस वापस लेने की इजाजत दी जाती है।”
पहले भी 41 नेताओं को मिली थी राहत
यह पहला मौका नहीं है जब इस घटना से जुड़े लोगों को राहत मिली हो। इससे पहले जनवरी 2018 में, मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने इस मामले से जुड़े 41 बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं के खिलाफ दर्ज एक अन्य आपराधिक केस को खारिज कर दिया था। इनमें वीएचपी नेता प्रवीण तोगड़िया और दसकरोई से बीजेपी विधायक बाबू जमना पटेल भी शामिल थे।
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