वीजिंग। फॉक्सकॉन की सहायक कंपनी युजान टेक्नोलॉजी (Yujan Technology) ने अपने भारत स्थित यूनिट से लगभग 300 चीनी इंजीनियरों को वापस बुला लिया है। यह हाल के दिनों में ऐसा दूसरा मौका है, जब इस ताइवानी समूह (Taiwanese Group) को ऐसा करना पड़ा है। यह कदम भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार के दौर में उठाया गया है। ईटी की खबरों के अनुसार, बीजिंग ने फॉक्सकॉन के चेयरमैन यंग लियू से कंपनी के भारतीय निवेश पर एक रिपोर्ट तैयार करने का भी अनुरोध किया है।
युजान टेक्नोलॉजी तमिलनाडु में 13,180 करोड़ रुपये की लागत से एक डिस्प्ले मॉड्यूल असेंबली यूनिट स्थापित कर रही है। फॉक्सकॉन ने मई में एक स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा था कि वह अमेरिकी आयात शुल्क के उच्च खतरों के बीच चीन से बाहर अधिक आईफोन उत्पादन स्थानांतरित करने के लिए अपनी युजान इकाई में 1.5 अरब डॉलर का निवेश करेगा। फॉक्सकॉन ने हाल ही में अपनी भारत यूनिट में 1.48 अरब डॉलर का निवेश भी किया है।
वापसी के कारण और प्रभाव
इंजीनियरों की वापसी के पीछे सटीक कारण सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, लेकिन माना जा रहा है कि यह चीन की तकनीक हस्तांतरण और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग उपकरणों के निर्यात को प्रतिबंधित करने की व्यापक रणनीति से जुड़ा हो सकता है।
इस कदम से तमिलनाडु और कर्नाटक में फॉक्सकॉन के प्रमुख मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स पर आईफोन असेंबली लाइनों के प्राभावित होने की आशंका है, खासकर आने वाले महीनों में आईफोन 17 के लॉन्च से पहले। हालांकि, सरकारी अधिकारियों का कहना है कि इससे भारत में मोबाइल उत्पादन प्रभावित नहीं होगा और इसे एक अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए।
भारत-चीन संबंधों का दौर
यह घटना ऐसे समय में घटित हुई है जब भारत और चीन हाल के सप्ताहों में एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक रि-सेट से गुजरे हैं। दोनों देशों ने व्यापारिक और कूटनीतिक संबंधों में सुधार के उपाय करते हुए सीमा तनाव कम करने, सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने और व्यावसायिक संबंधों को फिर से स्थापित करने पर सहमति जताई है। रेयर अर्थ मैटेरियल जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में व्यापार सहयोग का इन्वेस्टिगेशन करने की भी सहमति बनी है।
फॉक्सकॉन एप्पल का एक प्रमुख निर्माण भागीदार है और इस कदम से एप्पल के भारत में अपने मैन्युफैक्चरिंग फूट प्रिंट का विस्तार करने की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।
वित्त वर्ष 2024-25 में, एप्पल ने फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और भारत की टाटा समूह की सुविधाओं के माध्यम से भारत में 14 अरब डॉलर मूल्य के आईफोन का निर्माण किया, जो ग्लोबल लेबल पर उत्पादित प्रत्येक सात आईफोन में से रफली एक का प्रतिनिधित्व करता है। मार्च से मई 2025 तक, फॉक्सकॉन ने अपने भारत में निर्मित 97% आईफोन अमेरिकी बाजार में निर्यात किए।
फॉक्सकॉन की योजनाएं
हालांकि, फॉक्सकॉन ने ऐसे अपडेट्स की आशंका जताते हुए contingency योजनाएं तैयार की हैं। कंपनी अब व्यवधान को सीमित करने और अपने भारत संचालन को ट्रैक पर रखने के लिए ताइवान और अन्य जगहों से इंजीनियरों को ला रही है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि एप्पल के पास विकल्प हैं और उत्पादन प्रभावित नहीं होगा।
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