
इंदौर। संजय सेतु से चंद्रभागा तक सडक़ निर्माण के दौरान कई मकानों के हिस्से निगम ने तोड़े थे, लेकिन उसके बाद से कई मकान हवा में झूल रहे हैं। चार दिन पहले एक मकान भरभराकर ढह गया था। इसके बाद से ही निगम के अफसरों ने क्षेत्र में फिर से मौका निरीक्षण किया और 14 लोगों को नोटिस जारी किए हैं, ताकि वे वहां से खतरनाक मकान खाली कर दें।
नगर निगम और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत संजय सेतु से चंद्रभागा तक की सडक़ का काम तीन से चार सालों में जैसे-तैसे पूरा हो पाया, क्योंकि वहां वर्षों पुराने मकान बने हुए थे। सौ से ज्यादा मकानों के हिस्से सडक़ की चपेट में आ गए थे और उन्हें तोड़ा गया था। हालांकि कई हिस्सों में सडक़ निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन अब वहां तोड़े गए मकानों की हालत बारिश के चलते खस्ता हो रही है। वहां सबसे बड़ी परेशानी यह है कि मिट्टी के टीलों पर मकान बने हैं और इनमें से कई इतने खतरनाक हैं कि बारिश में मिट्टी कटाव के दौरान मकान धंसने की संभावना रहती है। चार दिन पहले ही ऐसा ही मकान भरभराकर ढह गया था। हालांकि इसमें किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, लेकिन निगम अफसर अलर्ट हो गए थे। गत दिनों हादसे के बाद फिर से निगम के अधिकारी क्षेत्र में मौका निरीक्षण करने पहुंचे और वहां कई मकान ऐसे पाए गए, जो हवा में झूल रहे हैं और कभी भी हादसा हो सकता है। इसी के चलते निगम द्वारा 14 लोगों को नोटिस जारी कर मकान खाली करने के साथ-साथ खतरनाक हिस्सों को हटाने को कहा गया है।
इन लोगों को दिए नोटिस
नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक वहां रहने वाले मोहम्मद शरीफ पिता मोहम्मद इस्माईल, शहजाद पिता मेहबूब हसन, अब्दुल खालिद पिता अब्दुल गफ्फार, सलमान पिता अब्दुल, आसिफ अब्दुल गनी, नाजिर शेख, लतीफ पिता मोहम्मद रफीक, जफर पिता इशहाक, जर्रार पिता मोहम्मद वसीर सहित कई अन्य लोग हैं, जिनके मकान खतरनाक हालत में हैं।
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