
वाशिंगटन। अमेरिका (America) में डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के सत्ता में आने के बाद से विदेश नीति (Foreign Policy) में आ रहे बदलावों को लेकर कई पूर्व पदाधिकारियों ने अपनी आवाज उठानी शुरू कर दी है। ओबामा के कार्यकाल के दौरान 2013 से 2017 तक अमेरिकी विदेश मंत्री (US Secretary of State) रहे जॉन कैरी (John Kerry) ने लगातार देशों को धमकी देने वाली इस नीति के लिए ट्रंप प्रशासन पर तंज कसा है। जॉन ने कहा कि कोई भी महान देश हर समय अल्टीमेटम नहीं देता रहता है। उन्होंने पीएम मोदी और ट्रंप के बीच ट्रेड और टैरिफ को लेकर चल रहे तनाव को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
कैरी ने कहा, “महान राष्ट्र हमेशा लोगों को अल्टीमेटम देकर अपनी महानता का प्रदर्शन नहीं करते। इसके बदले वह वास्तविक कूटनीतिक प्रयास करते हैं, ताकि आम सहमति बनाने और सामान्य कामकाज को करने में मदद मिल सके।” अमेरिका और भारत के बीच जारी टैरिफ तनाव पर बात करते हुए कैरी ने कहा कि किसी भी दो देश के बीच में बातचीत आपसी सहयोग और सम्मान के जरिए होती है। आप किसी को जबरदस्ती बात करने के लिए नहीं कह सकते।
पीएम मोदी को अपना मित्र बताते हुए कैरी ने कहा कि वह भारत द्वारा अमेरिका के साथ बातचीत करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हैं। उन्होंने कहा, “पियूष गोयल मेरे अच्छे मित्र रहे हैं.. मुझे उम्मीद है कि वह इस विवाद को बेहतर तरीके से सुलझा लेंगे। सच कहूं तो मुझे लगता है कि इस ट्रेड डील की बातचीत में भारत ने बहुत मजबूत पेशकश की है। आप जानते हैं, 60 फीसदी चीजों पर कोई टैरिफ नहीं और बाकी पर भी तेजी से काम किया जाएगा। यह बहुत बड़ा बदलाव है।”
गौरतलब है कि जॉन कैरी का ट्रंप प्रशासन का नाम लिए बिना ऐसी बात करना अमेरिकी विदेश नीति के परिवर्तन की तरफ इशारा है। ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से शायद ही कोई ऐसा देश हो, जिसे अमेरिका ने धमकी न दी हो। चाहें कनाडा जैसा पड़ोसी देश हो, फिर यूरोप के साझेदार हों, भारत जैसे मित्र मुल्क या फिर चीन और रूस जैसे देश… पिछले 6 महीनों में ट्रंप ने किसी न किसी तरीके से सभी को धमकी दी है। ऐसे में अमेरिका में भी उनकी इस नीति को लेकर आलोचना बढ़ गई है।
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