
भोपाल। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) सोमवार को भोपाल स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आईआईएसईआर) के 12वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान घुटनों पर आ गया और हाथ जोड़कर बातचीत के लिए तैयार हुआ, क्योंकि जब हमारी सेना ने उनके एयरबेस ध्वस्त कर दिए तो उसे डर था कि भारत उनके परमाणु ठिकाने तक पहुंच जाएगा। चौहान ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के मध्यस्थता कराने के दावे को भी खारिज किया।
चौहान ने कहा कि हम दुश्मनी नहीं पालते। आपने ऑपरेशन सिंदूर देखा है। जिन राक्षसों ने निर्दोषों की हत्या की, पति को पत्नी के सामने और पिता को बेटे के सामने मारा… हमने सटीक निशाने साधे। आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त किया। हमने उनकी सेना या नागरिक ठिकानों को पहले नहीं छुआ। यही है भारत। उन्होंने बताया कि जब पाकिस्तान ने मिसाइल और ड्रोन का इस्तेमाल किया, तो भारत ने ब्रह्मोस, अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलों का जवाबी इस्तेमाल किया और पाकिस्तान के सभी एयरबेस ध्वस्त कर दिए।
चौहान ने कहा कि जब उन्हें लगा कि भारत उनके परमाणु ठिकाने तक पहुंच जाएगा, तो वे घुटनों पर आ गए और हाथ जोड़कर बातचीत करने लगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे कि उन्होंने दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच संघर्ष खत्म कराया पर चौहान ने तंज कसते हुए कहा कि वे कहते हैं कि ‘मैंने किया, मैंने किया’, लेकिन भारत अपनी ताकत पर चलता है। हम किसी व्यक्ति पर हमला नहीं करते, लेकिन आतंकियों को बख्शते भी नहीं हैं। चौहान ने कहा कि भारत ने तय किया है राष्ट्रहित सर्वोपरि। कोई भी समझौता देश के हितों के खिलाफ नहीं होगा। हम अपने किसान, मछुआरे और पशुपालकों के हितों से कोई समझौता नहीं करेंगे। ये आज का भारत है, जो आत्मविश्वास के साथ खड़ा हुआ है।
चौहान ने कहा कि पहलगाम हमले के पीड़ित परिवार चाहते थे कि आतंकियों को सिर में गोली मारी जाए। उन्होंने कहा कि आतंकियों का सफाया कर दिया गया है। पिछले महीने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि पहलगाम हमले के पीड़ित परिवार और कई अन्य लोग चाहते थे कि तीनों आतंकियों को सिर में गोली मारी जाए और ऑपरेशन महादेव में उन्हें वही अंजाम मिला। शाह ने बताया था कि जांच में स्पष्ट हुआ कि ऑपरेशन महादेव में मारे गए तीनों आतंकी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे और वही संगठन पहलगाम हमले के पीछे था।
केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम में मौजूद विद्यार्थियों से कहा कि प्रतिभा पलायन भयानक खतरा है। अमेरिका सिर्फ अमेरिका वालों ने नहीं बनाया, इसे बनाने वाले भारतवासी भी हैं। सिलिकॉन वैली में कौन हैं? वहां डॉक्टर कहां से गए..? पढ़ाई यहां, शिक्षा यहां, नॉलेज यहां, ज्ञान यहां, विद्यालय हमारे, विद्यार्थी हमारे और महान बनाएं वहां। उन्होंने कहा कि अपने जीवन का एक बड़ा लक्ष्य भी तय करो।
यह इतना प्रतिष्ठित संस्थान है, मुझे कहने की जरूरत नहीं है, आजीविका तो तुम्हारी चलनी ही है। लेकिन देश छोड़कर मत जाना। मैं यह बात दिल से कह रहा हूं कि कोशिश करना कि तुम्हारा ज्ञान तुम्हारे देश के काम आए, यह जरूरी है। भारत कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है, हमारे पास टैलेंट की कोई कमी नहीं है। भारत में ज्ञान है, मेधा है, बुद्धि है, परिश्रम करने का सामर्थ्य है, लेकिन तुममें से हर एक यह मत सोचना कि बस एक नौकरी मिल जाए। इस ज्ञान का उपयोग अपने देश के लिए भी करना है, देश की जनता के लिए भी करना है। हमारी ही देश है जो दुनिया के कल्याण की बात करता हैं।
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