
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने रिलायंस फाउंडेशन(Reliance Foundation) द्वारा गुजरात(Gujarat) के जामनगर(Jamnagar) में संचालित वनतारा (ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर) के कार्यकलापों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित की है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस जे. चेलमेश्वर की अगुवाई में गठित एसआईटी वनतारा के कार्यकलापों की जांच के अलावा, भारत और विदेशों से जानवरों, विशेष रूप से हाथियों के लाने में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और अन्य प्रासंगिक कानूनों के प्रावधानों का समुचित पालन हुआ है या नहीं, इसकी जांच करने को कहा है। जस्टिस पंकज मिथल और प्रसन्ना बी. वराले की पीठ ने एक जनहित याचिका पर विचार करते हुए आदेश दिया।
SIT में कौन-कौन?
अधिवक्ता सी.आर. जया सुकिन द्वारा दाखिल जनहित याचिका में केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली पर व्यापक आरोप लगाए गए हैं। पीठ ने जस्टिस चेलमेश्वर की अगुवाई में गठित इस एसआईटी में उत्तराखंड और तेलंगाना हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस राघवेंद्र चौहान, मुंबई के पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले और अतिरिक्त आयुक्त सीमा शुल्क अनीश गुप्ता को सदस्य बनाया है। पीठ ने कहा कि हम बेदाग निष्ठा और उच्च प्रतिष्ठा वाले सम्मानित व्यक्तियों, जिनकी सार्वजनिक सेवा लंबी हो, की एक विशेष जांच दल गठन का निर्देश देना उचित समझते हैं।
SIT क्या-क्या जांच करेगी?
शीर्ष अदालत ने इसके मद्देनजर वनतारा (ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर) के कार्यकलापों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का आदेश दिया। एसआईटी कई मुद्दों की जांच करेगी जिनमें प्रमुख रूप से पशुओं का अधिग्रहण, कानूनी अनुपालन, अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल, पर्यावरणीय चिंताएं, संग्रहण और संरक्षण, वन्यजीव व्यापार वित्तीय अनुपालन आदि हैं।
शीर्ष अदालत ने इसके मद्देनजर वनतारा (ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर) के कार्यकलापों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का आदेश दिया। एसआईटी कई मुद्दों की जांच करेगी जिनमें प्रमुख रूप से पशुओं का अधिग्रहण, कानूनी अनुपालन, अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल, पर्यावरणीय चिंताएं, संग्रहण और संरक्षण, वन्यजीव व्यापार वित्तीय अनुपालन आदि हैं।
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