
नई दिल्ली। सरकारी ई-मार्केटप्लेस (Government e-Marketplace) ने अपने लॉन्च के बाद से अब तक 15 लाख करोड़ रुपये (Rs 15 Lakh Crore) के संचयी ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (Gross Merchandise Value) का ऐतिहासिक आंकड़ा पार कर लिया है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय (Ministry of Commerce and Industry) ने सोमवार को यह जानकारी दी है।
मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2016 में शुरू किए गए इस डिजिटल प्लेटफॉर्म ने सरकारी खरीद प्रणाली में पारदर्शिता और दक्षता को नई ऊंचाई दी है। GeM के जरिए केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न एजेंसियां, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और अन्य निकाय एक ही मंच पर सामान और सेवाओं की खरीद कर रहे हैं। पिछले नौ वर्षों में इसने सरकारी खरीदारों को विक्रेताओं के एक व्यापक समुदाय से जोड़ने वाला एक मजबूत नेटवर्क बनाया है।
GeM के सीईओ ने कहा कि यह आंकड़ा हमारे हितधारकों द्वारा GeM पर रखे गए विश्वास का प्रमाण है। यह सफलता उन लाखों विक्रेताओं और खरीदारों की है जिन्होंने भारत में सार्वजनिक खरीद के तरीके को बदल दिया है। हमारा ध्यान समावेशिता को गहरा करने, प्रक्रियाओं को सरल बनाने और नवाचार को बढ़ावा देने पर बना रहेगा ताकि अवसर देश के हर कोने तक पहुंच सकें।
प्लेटफॉर्म पर हर लेन-देन सिर्फ खरीदारी पूरी करने से कहीं ज्यादा के लिए डिजाइन किया गया है। यह जवाबदेही, दक्षता और सशक्तिकरण सुनिश्चित करता है। नीतियों और तकनीक के जरिए प्रवेश की बाधाओं को कम किया जाता है। GeM ने न केवल खरीद प्रक्रिया को सरल बनाया है, बल्कि छोटे और मध्यम उद्यमों, स्टार्टअप्स और महिला उद्यमियों को भी सरकारी खरीद में भागीदारी का बड़ा अवसर प्रदान किया है।
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