
नई दिल्ली: साल 2010 के बाद अब करीब 20 साल बाद यानी 2030 में भारत (India) में एक बार फिर कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) हो सकते हैं. केंद्र सरकार (Central Government) ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेजबानी के लिए बोली लगाने को मंजूरी दे दी है. इसके तहत गुजरात सरकार के साथ होस्ट कोलैबोरेशन एग्रीमेंट (Host Collaboration Agreement) और ग्रांट-इन-एड की भी स्वीकृति दी गई है. अहमदाबाद (Ahmedabad) को आदर्श मेजबान शहर माना जा रहा है, जहां विश्वस्तरीय स्टेडियम, अत्याधुनिक ट्रेनिंग सुविधाएं और खेलों के प्रति गहरा जुनून मौजूद है. दुनिया के सबसे बड़े नरेंद्र मोदी स्टेडियम (Narendra Modi Stadium) ने पहले ही 2023 क्रिकेट वर्ल्ड कप फाइनल जैसी बड़ी प्रतियोगिताओं को सफलतापूर्वक आयोजित कर अपनी क्षमता साबित की है. यदि भारत को मेजबानी मिलती है, तो यह न सिर्फ 72 देशों की भागीदारी का गवाह बनेगा, बल्कि रोजगार, पर्यटन और विभिन्न क्षेत्रों में अवसर भी बढ़ाएगा.
कैबिनेट की मंजूरी के कुछ ही दिन पहले भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने अपनी विशेष आम बैठक में इस बोली को औपचारिक स्वीकृति दे दी थी. 13 अगस्त को हुई इस बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि भारत को 31 अगस्त की समय सीमा से पहले यह प्रस्ताव प्रस्तुत कर देना चाहिए. सरकार ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि अगर बोली स्वीकार होती है तो गुजरात सरकार को ग्रांट-इन-एड और होस्ट कोलैबोरेशन एग्रीमेंट की सुविधा दी जाएगी.
दिल्ली CWG 2010 ने भारत को वैश्विक खेल मानचित्र पर नई पहचान दिलाई थी. उसी अनुभव के आधार पर भारत इस बार 2030 में और भी समावेशी कॉमनवेल्थ गेम्स आयोजित करने की योजना बना रहा है. 2026 के कॉमनवेल्थ गेम्स से जो बड़े खेल हटा दिए गए थे, उन्हें फिर से शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया है. इनमें हॉकी, क्रिकेट, बैडमिंटन, कुश्ती, टेबल टेनिस, डाइविंग, रग्बी सेवन, बीच वॉलीबॉल, माउंटेन बाइकिंग, स्क्वैश और रिदमिक जिम्नास्टिक्स शामिल हैं. ये खेल न सिर्फ भारत में बल्कि कॉमनवेल्थ देशों में भी अत्यधिक लोकप्रिय हैं.
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