
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष (Former Congress President) और लोकसभा में नेता विपक्ष (Leader of Opposition in Lok Sabhaon) राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने गुजरात में कुछ गुमनाम पार्टियों को कथित तौर पर सैकड़ों करोड़ रुपये का चंदा मिलने से जुड़ी खबर का हवाला देते हुए बुधवार को निर्वाचन आयोग (Election Commission ) पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या आयोग इस मामले में जांच करेगा या फिर उनसे हलफनामा ही मांगेगा। राहुल गांधी (Rahul Gandhi ) ने एक हिंदी अखबार में प्रकाशित खबर का हवाला देते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “गुजरात में कुछ ऐसी अनाम पार्टियां हैं जिनका नाम किसी ने नहीं सुना, लेकिन उन्हें 4300 करोड़ का चंदा मिला। इन पार्टियों ने बहुत ही कम मौकों पर चुनाव लड़ा है, या उन पर खर्च किया है।”
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने यह सवाल भी किया, “ये हजारों करोड़ आए कहां से? चला कौन रहा है इन्हें? और पैसा गया कहां?” राहुल गांधी ने लिखा, “क्या चुनाव आयोग जांच करेगा – या फिर यहां भी पहले एफिडेविट मांगेगा? या फिर कानून ही बदल देगा, ताकि ये डेटा भी छिपाया जा सके?”
चुनावी चंदे का बड़ा खेल
रिपोर्ट में दावा किया है कि गुजरात में पंजीकृत 10 गुमनाम पार्टियों के नाम पर चुनावी चंदे का बड़ा खेल हुआ है। इसमें हा गया है कि 2019-20 से 2023-24 के दौरान कुल पांच वर्षों में इन दलों को कुल 4300 करोड़ रुपये का चंदा मिला है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस दौरान हुए कुल तीन चुनावों (दो लोकसभा चुनाव- 2019 और 2024 और 2022 के विधानसभा चुनाव) में इन दस दलों ने सिर्फ 43 उम्मीदार उतारे और उन्हें सिर्फ 54069 वोट ही मिल सके।
खर्च हुए 39.02 लाख रुपये, ऑडिट में दिखाया 3500 करोड़
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन दलों का चुनावी खर्च महज 39.02 लाख रुपये ही हुए हैं, जबकि ऑडिट रिपोर्ट में चुनावी खर्च 3500 करोड़ रुपये दिखाया गया है। जिन दस दलों का उल्लेख किया गया है, उनमें लोकशाही सत्ता पार्टी, भारतीय नेशनल जनता दल, स्वतंत्र अभिव्यक्ति पार्टी, न्यू इंडिया यूनाइटेड पार्टी, सत्यावदी रक्षक पार्टी, भारतीय जनपरिषद, सौराष्ट्र जनता पक्ष, जन मन पार्टी, मानवाधिकार नेशनल पार्टी और गरीब कल्याण पार्टी का नाम शामिल है।
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