
नोएडा । योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने अमेरिका (America) की ओर से भारत (India) पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ (Tariff) के प्रभावी होने के बाद बुधवार को देशवासियों से एक बड़ी अपील की। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों को भी अमेरिका की ओर से भारत पर लगाए गए टैरिफ का कड़ा विरोध करना चाहिए। भारतीय नागरिकों को अमेरिकी कंपनियों और ब्रांड्स का बहिष्कार करना चाहिए। यदि भारत के लोगों ने ऐसा कि तो अमेरिका में महंगाई इतनी बढ़ जाएगी कि खुद उसे ये टैरिफ वापस लेने पड़ सकते हैं।
देशवासी करें यह काम तो अमेरिका में हाहाकार
रामदेव ने कहा- अमेरिका ने एक गुंडागर्दी या तानाशाही के तहत भारत पर जो 50 फीसदी टैरिफ लगाए हैं, उसका भारत के सभी नागरिकों की ओर से भी पुरजोर विरोध किया जाना चाहिए। भारतीयों को सभी अमेरिकन कंपनियों का बहिष्कार करना चाहिए। अमेरिकी कंपनियों के काउंटरों पर एक भी भारतीय दिखना नहीं चाहिए। ऐसा जोरदार बहिष्कार किया जाना चाहिए। एकबार ऐसा किया जो अमेरिका में हाहाकार मच जाएगा।
ट्रंप को वापस लेना पड़ जाएगा टैरिफ
रामदेव ने आगे कहा कि अमेरिकी कंपनियों के बहिष्कार से अमेरिका में भी महंगाई इस कदर बढ़ जाएगी कि ट्रंप को खुद ही ये टैरिफ वापस लेना पड़ जाएगा। जहां तक सवाल चुनौतियों का है तो चुनौतियां नया मौका भी देती हैं। भारत को पहल कर के जो भी बाकी देश हैं उनके साथ व्यापार को बढ़ाना चाहिए। अमेरिकी टैरिफ से जो भी रोजगार का नुकसान होगा उसके लिए रोजगार के नए अवसर तलाशे जाने चाहिए।
पैदा करने होंगे रोजगार के नए अवसर
रामदेव कहा कि हमें नए रोजगार के अवसर पैदा करने चाहिए। भारत सरकार को कारोबारियों को भी टैक्स और जीएसटी में छूट देनी चाहिए ताकि वे अपना अस्तित्व कायम रख सकें। मुझे पूरा भरोसा है कि भारत इस चुनौति से और मजबूत बन कर उभरेगा। भारत, चीन, रूस और मध्य पूर्व के अन्य देश और यूरोप के कुछ मिलकर नए वर्ल्ड ऑर्डर बनाएंगे जिससे डॉलर का मुकाबला किया जा सकेगा।
…तो आधी रह जाएगी डॉलर की कीमत
रामदेव ने दावा किया कि जिस दिन भारत, चीन, रूस और मध्य पूर्व के अन्य देश और यूरोप के कुछ मिलकर एकजुट हो गए, उस दिन डॉलर आधी कीमत का रह जाएगा। अमेरिका का टैरिफ भारत के लिए चुनौती और अवसर दोनों है। रामदेव ने कहा कि जब चीन मजबूती से खड़ा हुआ तब ट्रंप को टैरिफ वापस लेना पड़ा। भारत भी कोई कमजोर मुल्क नहीं है। भारत दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था है। भारत आने वाले वर्षों में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। भारत एक बड़ा बाजार ही नहीं। भारत में बड़ी प्रतिभाएं भी हैं।
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