
नई दिल्ली । अमेरिका (America) ने बुधवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को एक साइबर अपराध सिंडिकेट (Cyber Crime Syndicate) को खत्म करने में “साझेदारी और समर्थन” के लिए धन्यवाद दिया, जिसने 2023 से उसके नागरिकों से 350 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की थी। एक सोशल मीडिया पोर्टल पर पोस्ट किए गए संदेश में यहां अमेरिकी दूतावास ने कहा, “अमेरिका-भारत कानून प्रवर्तन सहयोग के लिए यह एक बड़ा सप्ताह है।”
इसमें कहा गया, “भारत की सीबीआई ने अमेरिकी एफबीआई के साथ घनिष्ठ समन्वय में, एक अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध गिरोह को ध्वस्त कर दिया, जिसने तकनीकी सहायता घोटालों के माध्यम से अमेरिकी नागरिकों से लगभग चार करोड़ अमेरिकी डॉलर की धोखाधड़ी की थी, और साइबर धोखाधड़ी नेटवर्क के पीछे प्रमुख व्यक्तियों को गिरफ्तार किया।”
इसमें आगे कहा गया, “साझा खुफिया जानकारी और समन्वित कार्रवाई के माध्यम से, हमारी दोनों एजेंसियां अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को ध्वस्त करने, भविष्य में होने वाले घोटालों को रोकने और हमारे नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए मिलकर काम कर रही हैं। आपकी साझेदारी और समर्थन के लिए धन्यवाद, सीबीआई।”
A big week for #USIndia law enforcement collaboration. India’s CBI, in close coordination with the U.S. @FBI, dismantled a transnational cybercrime syndicate that defrauded U.S. nationals of nearly $40M through tech-support scams — and arrested key figures behind the cyber fraud…
— U.S. Embassy India (@USAndIndia) August 27, 2025
सीबीआई ने एक अत्याधुनिक साइबर अपराध गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसने पिछले दो वर्षों में अमेरिकी नागरिकों से 350 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है। सीबीआई ने तीन कथित धोखेबाजों को गिरफ्तार किया है, जो तकनीकी सहायता के नाम पर लोगों को ठगते थे। जांच एजेंसी ने अमृतसर के खालसा महिला कॉलेज के सामने ग्लोबल टावर में ‘डिजिकैप्स द फ्यूचर ऑफ डिजिटल’ नामक कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया था।
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