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ट्रंप का आत्मघाती कदम, भारत को मिला महाशक्ति बनने का मौका; पश्चिमी देश पीएम मोदी के साथ

August 29, 2025

नई दिल्‍ली । भारत (India)के साथ 25 वर्षों से चली आ रही रणनीतिक(Strategic) निकटता पर अमेरिकी राष्ट्रपति(us President) डोनाल्ड ट्रंप (donald trump)के नेतृत्व वाला प्रशासन(Led administration) पानी फेरता नजर आ रहा है। हाल के दिनों में अमेरिकी मंत्रियों और अधिकारियों के बयानों ने इस धारणा को और मजबूत किया है कि वाइट हाउस भारत पर दबाव बनाने के लिए नए सिरे से टकराव का रास्ता अपना रहा है। गुरुवार को अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने यूरोपीय देशों से अपील की कि वे भी भारत पर टैरिफ बढ़ाएं और वाशिंगटन के साथ मिलकर नई दिल्ली पर दबाव बनाएं। बेसेंट ने कहा, “हमें यूरोपीय साझेदारों से ज्यादा सहयोग चाहिए। वे भारत को धमकी क्यों नहीं दे रहे?”


उन्होंने संकेत दिए कि यदि भारत झुकेगा नहीं तो ट्रंप भी किसी समझौते पर तैयार नहीं होंगे। इसके साथ ही ट्रंप प्रशासन ने भारतीय नागरिकों को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाली वीजा पाबंदियों को और कड़ा कर दिया है। अमेरिका का कहना है कि भारत वीजा के दुरुपयोग का सबसे बड़ा स्रोत है।

भारत को मिला पश्चिमी देशों का समर्थन

ट्रंप प्रशासन के इस रुख पर अमेरिकी विशेषज्ञों ने तीखी आलोचना की है। पूर्व अमेरिकी राजनयिक एवन फाइगेनबॉम ने कहा, “रूस-यूक्रेन युद्ध ‘मोदी का युद्ध’ बताना हास्यास्पद है। यह महज 25 साल की मेहनत से बने अमेरिका-भारत संबंधों को बर्बाद करने जैसा है।” इकॉनॉमिस्ट पत्रिका ने भी टिप्पणी की है कि पाकिस्तान की ओर झुकाव और भारत से दूरी बनाना अमेरिका की खुद की हार है। पत्रिका के अनुसार, “भारत पर रूसी तेल खरीदने को लेकर विशेष दंड लगाना दोहरे मापदंड का उदाहरण है। अमेरिका का भारत से दूर होना एक गंभीर भूल है, जबकि भारत के लिए यह अपने ‘महाशक्ति बनने के दावे’ को साबित करने का मौका है।”

इस मामले पर अर्थशास्त्री रिचर्ड वोल्फ ने कहा, “अगर अमेरिका भारत को अलग-थलग करेगा तो भारत अपनी निर्यात क्षमता अमेरिका से हटाकर ब्रिक्स देशों की ओर मोड़ेगा। यह कदम ब्रिक्स को और मजबूत बनाएगा और पश्चिम की कमजोरी उजागर करेगा।”

एक ओर अमेरिका की ओर से दबाव और आलोचना बढ़ रही है, वहीं पश्चिमी बुद्धिजीवियों और विश्लेषकों का मानना है कि यह भारत के लिए अवसर का क्षण है। चीन को संतुलित करने की रणनीति, यूरोप और एशिया के नए बाजारों तक पहुंच और घरेलू सुधारों के जरिए भारत अपनी स्थिति को और मजबूत कर सकता है।

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  • रूस से और ज्यादा तेल खरीदेगा भारत.... अमेरिकी धमकियों और टैरिफ का खास असर नहीं..

    Fri Aug 29 , 2025
    नई दिल्ली। अमेरिका (America) की धमकियों का भारत (India) पर खास असर नजर नहीं आ रहा है। खबर है कि भारत (India) ने सितंबर में रूस से और ज्यादा तेल खरीदने (Purchase more oil Russia) की तैयारी की है। हालांकि, इसे लेकर सरकार या भारतीय रिफाइनरीज की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा […]
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