
तियानजिन. शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच तियानजिन में द्विपक्षीय बैठक खत्म हो गई है. करीब 40 मिनट तक चली इस मीटिंग पर दुनियाभर की नजरें टिकी थीं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के दौरान कहा, मैं आपको शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) की सफल अध्यक्षता के लिए बधाई देता हूं. चीन आने के निमंत्रण और आज हमारी इस मुलाकात के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं.
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे विशेष प्रतिनिधियों के बीच सीमा प्रबंधन को लेकर सहमति बनी है. कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू हो गई है. दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें भी जल्द फिर से शुरू हो रही हैं. भारत और चीन के 280 करोड़ लोगों के हित हमारी साझेदारी से जुड़े हैं. यह सहयोग पूरी मानवता के कल्याण का भी मार्ग प्रशस्त करेगा. हम आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
गलवान विवाद के बाद रिश्तों की नई शुरुआत?
यह मुलाकात कई मायनों में अहम है. गलवान घाटी में तनाव के बाद भारत-चीन रिश्तों में आई खटास को कम करने की कोशिश इस बातचीत में दिख सकती है. दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों को लेकर चर्चा हुई.
ट्रंप के टैरिफ बम के बाद मुलाकात की अहमियत
इस बैठक की अहमियत इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ बम का असर भारत और चीन दोनों पर पड़ा है. ऐसे में यह मुलाकात सिर्फ रिश्तों की मरम्मत तक सीमित नहीं बल्कि आर्थिक और रणनीतिक मोर्चे पर नई स्क्रिप्ट लिखने का संकेत भी दे सकती है. लाइव टीवी पर देखें विस्तृत कवरेज…
क्या बदलेगी तस्वीर?
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की यह बैठक एक नए अध्याय की शुरुआत कर सकती है. अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि क्या इस मुलाकात के बाद भारत और चीन के बीच रिश्तों में गर्मजोशी लौटेगी और एशिया में नई ताकत बनने का रास्ता खुलेगा.
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