
जबलपुर. मध्य प्रदेश (MP) के सबसे अमीर विधायक कहे जाने वाले बीजेपी नेता (BJP leader) संजय पाठक (Sanjay Pathak) एक बार फिर विवादों में आ गए हैं. जबलपुर हाईकोर्ट (jabalpur high court) के जस्टिस विशाल मिश्रा (Vishal Mishra) ने उन पर गंभीर आरोप लगाते हुए खुद को एक मामले की सुनवाई से अलग कर लिया है.
दरअसल, संजय पाठक और उनके परिवार से जुड़ी कंपनियों पर अवैध उत्खनन के मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में चल रही है. इसी बीच जस्टिस मिश्रा ने अपने आदेश में लिखा कि विधायक संजय पाठक ने इस केस को लेकर उनसे संपर्क साधने की कोशिश की.
जज ने क्या कहा?
जस्टिस मिश्रा ने कहा, “चूंकि संजय पाठक ने मुझसे इस खास मामले पर बातचीत करने की कोशिश की है, इसलिए मैं इस याचिका पर सुनवाई करने का इच्छुक नहीं हूं. यह केस माननीय चीफ जस्टिस को भेजा जाए ताकि इसे उपयुक्त पीठ के सामने लिस्टेड किया जा सके.”
हाईकोर्ट के इस बयान के बाद संजय पाठक पर नए सिरे से सवाल खड़े हो गए हैं. विपक्षी दल पहले से ही उन पर खनन से जुड़े मामलों को लेकर हमला बोलते रहे हैं. अब अदालत की टिप्पणी ने इस विवाद को और बढ़ा दिया है.
न्यायपालिका पर दबाव डालने का आरोप
संजय पाठक का राजनीतिक सफर कांग्रेस से शुरू हुआ था, लेकिन 2014 में उन्होंने बीजेपी जॉइन कर ली. इसके बाद वे लगातार पार्टी से चुनाव जीतते रहे और मंत्री पद भी संभाला. उन पर खनन से जुड़े मामलों को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी के कुछ विधायक न्यायपालिका और प्रशासन पर दबाव डालकर फायदे उठाते हैं.
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